कलाकारों ने नृत्य व संगीत के माध्यम से संस्कृति, परंपरा और विरासत को किया प्रदर्शित
तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव के दूसरे दिन संस्कृति ज्ञान प्रश्न मंच, तात्कालिक भाषण, कथा कथन, मूर्ति कला आदि की राष्ट्र स्तरीय प्रतिस्पर्धाएं हुई.
सीतामढ़ी. नगर के रिंग बांध स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में गुरुवार से आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव के दूसरे दिन संस्कृति ज्ञान प्रश्न मंच, तात्कालिक भाषण, कथा कथन, मूर्ति कला आदि की राष्ट्र स्तरीय प्रतिस्पर्धाएं हुई. आज तीसरे दिन सांस्कृतिक महोत्सव का समापन होगा. महोत्सव के दूसरे दिन विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान व विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी व लोक शिक्षा समिति, बिहार के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही. विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के सभी सदस्य, प्रधानाचार्य एवं स्थानीय विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकायें, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं का योगदान मिल रहा है. इससे पूर्व गुरुवार को संध्याकालीन लोक नृत्य कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए हुए नवोदित, प्रतिभावान कलाकार छात्र-छात्राओं के द्वारा भारत के जीवंत संस्कृति, कला, परंपरा और विरासत को लोक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. देश के कोने-कोने से संस्कृति महोत्सव में भाग लेने के लिए आए हुए छात्र-छात्रायें कला, संगीत, नृत्य, कथा, संगीत व प्रश्न मंच में अपनी प्रतिभा एवं मेधा का प्रदर्शन तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. अलग-अलग संस्कृतियों से आए हुए प्रतिभागी छात्र-छात्रायें विविध आयामों के द्वारा राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता की भावना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. यह महोत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को संजोने और आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. इस संस्कृति महोत्सव का उद्देश्य केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और उन्हें समझने का माध्यम भी है.
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