डिग्री बीएएमएस, बोर्ड पर एमबीबीएस

सीतामढ़ी : शहर के नर्सिग होम, निजी क्लिनिक व जांच घरों की जांच मंगलवार से शुरू कर दी गयी. एसीएमओ डॉ डीएन मल्लिक व डीआइओ डॉ केडी पूर्वे के संयुक्त नेतृत्व में एक-एक नर्सिग होम, क्लिनिक व जांच घर पर छापामारी की गयी. डॉ शिवजी प्रसाद के नर्सिग होम पर पहुंची. पाया कि बोर्ड पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 22, 2015 2:36 AM
सीतामढ़ी : शहर के नर्सिग होम, निजी क्लिनिक व जांच घरों की जांच मंगलवार से शुरू कर दी गयी. एसीएमओ डॉ डीएन मल्लिक व डीआइओ डॉ केडी पूर्वे के संयुक्त नेतृत्व में एक-एक नर्सिग होम, क्लिनिक व जांच घर पर छापामारी की गयी. डॉ शिवजी प्रसाद के नर्सिग होम पर पहुंची.
पाया कि बोर्ड पर डिग्री के रूप में एमबीबीएस लिखा हुआ है, जबकि उनके पास बीएएमएस का सर्टिफिकेट है. जांच में इसका खुलासा हुआ. आयुर्वेदिक दवा मिला. उसकी जांच की गयी. टीम ने बताया कि इस तरह की दवा के लिए लाइसेंस अनिवार्य नहीं है. बता दें कि प्रभात खबर ने कई दिनों तक जांच घरों व नर्सिग होम के बिना निबंधन के संचालित होने की बाबत खबरें प्रकाशित की थी, जिसके आलोक में डीएम डॉ प्रतिमा के आदेश पर सीएस डॉ एके गुप्ता ने दो जांच टीमों का गठन किया था.
एसीएमओ व डीआइओ ने स्पष्ट किया कि बिना डिग्री के ही डॉ प्रसाद नर्सिग होम चला रहे हैं. बताया कि डॉ शिवजी प्रसाद ऑपरेशन भी करते हैं जो गैर कानूनी है. इनके नर्सिग होम को सील किया जायेगा.
नदारद मिले डॉ मंजय
डॉ मंजय कुमार की क्लिनिक पर छापामारी की गयी तो वे नदारद मिले. टीम ने उनसे मोबाइल पर बात की और प्रमाण पत्र व आवश्यक कागजातों के साथ कार्यालय में तलब किया. टीम ने बताया कि बुधवार को उनके प्रमाण पत्र व कागजात की जांच की जायेगी. उनका क्लिनिक व डिग्री अवैध पाया गया तो आगे की कार्रवाई की जायेगी.
अभिनंदन जांच घर पर भी छापेमारी
अभिनंदन जांच घर पर भी छापामारी की गयी. जांच घर के पैथोलॉजी चिकित्सक नदारद मिले. वैसे चिकित्सक एमबीबीएस हैं. जांच में टीम ने पाया कि उक्त चिकित्सक बाहर पोस्टेड हैं और उनके नाम का बोर्ड यहां लगा हुआ है. टीम ने बताया कि लैब तकनीशियन हीं जांच व रिपोर्ट तैयार करते हैं. तकनीशियन से सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी कागजात की मांग की गयी है. गड़बड़ी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
कहते हैं डॉ शिवजी प्रसाद
डॉ शिवजी प्रसाद ने बताया कि बीएएमएस की डिग्री लेने के बाद यूएओ नामक संस्था से एक वर्ष का प्रशिक्षण लिये. उसके बाद हीं बोर्ड पर एमबीबीएस लिखे. कहा, ऑपरेशन के लिए एमएस की जरूरत है, पर शहर में कितने एमएस हैं? ऑपरेशन नहीं किया जायेगा तो कितने मरीज मर जायेंगे. जो भी व्यवस्था है उसके तहत मरीजों का इलाज करना उनका काम है.
..और जांच घरों का धड़ाधड़ गिरा शटर
टीम के जांच में निकलने की भनक लगते हीं कई जांच घर संचालक शटर गिरा कर गायब हो गये. जांच टीम में बीएओ संजय कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद, अशोक कुमार व सहायक अवर निरीक्षक आस नारायण प्रसाद शामिल थे.

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