घरों में कैद रहने की मजबूरी, कारोबार ठप

सीतामढ़ी : जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति बरकरार है. इससे प्रभावित सैकड़ों गांव के लोग परेशान हैं. उनकी रोजी-रोटी से जुड़े व्यापार व व्यवसाय ठप है, जिसके चलते उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. खास कर बाढ़ से प्रभावित वैसे लोग जो अपना घर-द्वार छोड़ कर बांध […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2019 1:54 AM
सीतामढ़ी : जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति बरकरार है. इससे प्रभावित सैकड़ों गांव के लोग परेशान हैं. उनकी रोजी-रोटी से जुड़े व्यापार व व्यवसाय ठप है, जिसके चलते उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. खास कर बाढ़ से प्रभावित वैसे लोग जो अपना घर-द्वार छोड़ कर बांध या किसी सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए हैं, उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मवेशियों के लिए चारे के लाले पड़े हुए है. दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से भंग हो जाने के चलते आवागमन में परेशानी हो रही है. विभिन्न सड़कों के टूट जाने व जल-जमाव के चलते आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. नीचे पानी व ऊपर से चिलचिलाती धूप ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई जगह पानी के भारी दबाव से बांध की स्थित नाजुक हो गयी है. जगह-जगह संक्रमण से बीमारी की आशंका बढ़ गयी है. हालांकि उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधा दिलाने के लिए जिला प्रशासन जीतोड़ कोशिश कर रहा है. जगह-जगह सामूहिक रसोई चलाया जा रहा है.
राहत पैकेट का वितरण जारी है. पीड़ितों के बैंक खाते में राहत की राशि पहुंचाने के लिए सूची तैयार किया जा रहा है. शिविर लगा कर बाढ़ प्रभावित लोगों की जांच के साथ ही दवा उपलब्ध कराया जा रहा है. टूटे सड़कों की मरम्मत का निर्देश दिया गया है. इधर, विभिन्न नदियों में जलस्तर के उतार-चढ़ाव से बाढ़ के पानी में कोई खास कमी नहीं देखी जा रही है. बाढ़ का पानी के ठहराव ने लोगों को घर में कैद कर रखा है. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को पानी पार कर जाने की मजबूरी बनी हुई है.
डुमरा. जिले के विभिन्न नदियों के जलस्तर का उतार-चढ़ाव जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गुरुवार को बागमती नदी का जलस्तर ढेंग रेलवे पुल के समीप 70.52 मीटर रहा जो खतरे के निशान से 42 सेमी ऊपर है. इसी प्राकर सोनाखान में जलस्तर 68.27 मीटर बताया गया जो खतरे के निशान से 53 सेमी नीचे है. डुब्बा घाट में जलस्तर 61.55 मीटर रहा जो खतरे के निशान से 35 सेमी ऊपर है. चंदौली में जलस्तर 58.57 मीटर बताया गया जो खतरे के निशान से 49 सेमी नीचे है.
कटौझा में जलस्तर खतरे के निशान से 2.37 मीटर ऊपर तो झीम नदी का जलस्तर सोनबरसा के समीप 80.50 मीटर रहा जो खतरे के निशान से 1.35 सेमी नीचे है. अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर के समीप खतरे के निशान से 1.90 मीटर ऊपर रहा तो पुपरी के समीप खतरे के निशान से 1.39 मीटर नीचे बताया गया. जबकि लालबकया नदी का जलस्तर गोवाबाही के समीप 71.75 मीटर पर रहा जो खतरे के निशान से 43 सेमी ऊपर है.
सहायक समाहर्ता को राहत की जिम्मेवारी : डुमरा. जिले में सहायक समाहर्ता के रूप में 2018 बैच के आइएएस अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बुधवार को योगदान अपना योगदान देने के साथ हीं कार्यभाल संभाल लिया. उन्हें बाढ़ राहत व बचाव कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. यहां बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने जिले में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति को लेकर श्री वैभव को बाढ़ राहत व बचाव कार्यों में सहयोग के लिए जिले में बतौर सहायक समाहर्ता प्रतिनियुक्त किया है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 200 आपदा मित्र रवाना: डुमरा. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षण प्राप्त 200 आपदा मित्रों के साथ गुरुवार को समाहरणालय में बैठक की गयी. अध्यक्षता कर रहे डीएम डॉ रणजीत कुमार सिंह ने उन्हें बाढ़ राहत कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्हें पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में त्वरित राहत कार्य चलाने, त्वरित बचाव व बाढ़ खत्म होने के बाद संभावित बीमारियों से बचाव से संबंधित कार्य योजना की जानकारी दी गयी. आपदा मित्रों की इस टोली में 55 सदस्यीय महिला ब्रिगेड शामिल है.
बैठक के तुरंत बाद डीएम ने आपदा मित्रों को संबंधित क्षेत्रों के लिए रवाना किया. कहा कि बेहतर कार्य करने वाले आपदा मित्रों को प्रशस्ति पत्र के साथ हीं 11 हजार नकद देकर पुरस्कृत किया जायेगा.

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