पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने की वट वृक्ष की पूजा

शिवहर : वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुगिया कटसरी आदि गांवों में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा की. मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल अमावस्या को महिलाएं अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना से वटवृक्ष की पूजा-अर्चना कर व्रत रखती हैं. वही वट व्रत कथा सुनने से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2017 4:43 AM

शिवहर : वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुगिया कटसरी आदि गांवों में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा की. मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल अमावस्या को महिलाएं अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामना से वटवृक्ष की पूजा-अर्चना कर व्रत रखती हैं. वही वट व्रत कथा सुनने से मनोवांक्षित फल की प्राप्ति शीघ्र ही होती है. वट वृक्ष अपनी विशालता तथा दीर्घायु के लिए लोक में प्रसिद्ध है. जानकारों की माने तो सुहागन महिलाएं वटवृक्ष की पूजा मानकर करती हैं

कि मेरे पति भी वट की तरह विशाल और दीर्घायु बने रहे. मान्यता है कि वटवृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और डालियों एवं पतों में शिव का वास होता है. इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है.वट पूजा के दिन निराहार रहते हुए सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष में कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा करती हैं.वट पूजा के समय फल, मिठाई, पूरी, पुआ भींगा हुआ चना और पंखा चढ़ाती हैं.उसके बाद कथा सुनती हैं, फिर वट के पत्ते को सिर के पीछे लगाकर घर पहुंचती हैं. इसके बाद पति को पंखा झुलती है. उसके बाद जल पिलाकर व्रत तोड़ती है.

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