छह माह के शिशुओं को देना चाहिए ऊपरी आहार

कटसरी : राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी सेविकाओं ने रैली निकालकर लोगों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता पैदा किया. इस दौरन सेविकाओं ने सही पोषण देश रौशन समेत अन्य नारे लगाए.... मौके पर सीडीपीओ पूनम सिंहा ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के अनुसार शिवहर में 55.0 प्रतिशत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2019 2:24 AM

कटसरी : राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी सेविकाओं ने रैली निकालकर लोगों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता पैदा किया. इस दौरन सेविकाओं ने सही पोषण देश रौशन समेत अन्य नारे लगाए.

मौके पर सीडीपीओ पूनम सिंहा ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के अनुसार शिवहर में 55.0 प्रतिशत शिशु छह माह तक केवल स्तनपान करते हैं.

छह माह के बाद 30.9 प्रतिशत शिशुओं में ही पूरक आहार की शुरुआत हो पाती है. जबकि छह माह से 23 माह के बीच 10.8 प्रतिशत बच्चों को ही पर्याप्त आहार प्राप्त हो पाता है. बताया कि छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लंबाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है. जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है. इसके लिए स्तनपान के साथ अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है. इसलिए छह माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ पूरक आहार देना चाहिए.