स्थापना काल से ही बंद पड़ा है रामवन राजकीय नलकूप उदासीनता

शिवहर : कृषि प्रधान इस जिले में किसान कभी प्रलयकारी बाढ़ से हलकान रहे हैं. तो कभी सुखाड़ ने किसानों की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव किसानों के लिए कृषि कार्य को मुश्किल बनाकर रख दिया है. सिंचाई व्यवस्था के अभाव में किसान पंपिंग सेट से पटवन कराने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 6, 2017 6:25 AM

शिवहर : कृषि प्रधान इस जिले में किसान कभी प्रलयकारी बाढ़ से हलकान रहे हैं. तो कभी सुखाड़ ने किसानों की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव किसानों के लिए कृषि कार्य को मुश्किल बनाकर रख दिया है.

सिंचाई व्यवस्था के अभाव में किसान पंपिंग सेट से पटवन कराने को विवश हैं. जिसका भाड़ा किसानों के लिए काफी महंगा साबित होता है. ऐसे में किसान राजकीय नलकूप की ओर टकटकी लगाकर देखते हैं. किंतु लघु सिंचाई विभाग की उदासीन कार्यशैली से पूरी व्यवस्था चरमरा कर रह गयी है. कई नलकूप स्थापना काल से ही बंद पड़े हैं. जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
उल्लेखनीय है कि जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड में करीब 20 वर्ष पूर्व स्थापित किये गये रामवन राजकीय नलकूप नकारा साबित हो रहा है. स्थापना काल से ही इस नलकूप के बंद रहने से किसान एक कट्ठा जमीन भी सिंचित नहीं कर सके हैं. इस नलकूप को जेनेरेटर खराब पड़ा है. नालियां ध्वस्त होकर समाप्त होने के कगार पर हैं. इस नलकूप को चालू कराने के लिए राष्ट्रीय लोकमत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नसरूद्दीन अंसारी ने कई बार अनशन किया. प्रशासनिक पदाधिकारियों के आश्वासन के बाद अनशन टूटे किंतु इस नलकूप को चालू करने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है. इस तरह के जिले में कई ऐसे नलकूप हैं जो किसानों के लिए नकारा साबित हो रहे हैं.
उधर विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो विभाग भी स्वीकार कर रहा है कि जिले में 16 नलकूप बंद पड़े हैं. लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा डीएम को दिये गये प्रतिवेदन पर गौर करें तो जिले में स्थापित कूल 75 नलकूप से 47 नलकूप ही चालू हालत में हैं. जबकि 12 नलकूप में बिजली की व्यवस्था नहीं रहने से नाकारा बनकर रह गये हैं. जबकि 16 नलकूप विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं. बताया गया है कि नलकूपों में पांच यांत्रिक दोष, तीन विद्युत दोष, सात संयुक्त दोष व एक अन्य दोष से बंद पड़े है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले में 28 राजकीय नलकूप हैं. जिसमें नौ विद्युत ऊर्जा के अभाव में कार्य में नहीं है.व 19 में विद्युत ऊर्जा उपलब्ध होने से कार्य में हैं. वही यांत्रिक दोष से दो, विद्युत दोष से एक, संयुक्त दोष से 2एवं अन्य दोष से एक बंद है. कूल 28 के विरुद्ध 13 नलकूप चालू है. जिससे 74.20 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रहा है. नाबार्ड फेज तीन में कुल 4 नलकूप स्थापित है. जिसमें तीन में बिजली की व्यवस्था नहीं होने से बंद है व मात्र एक चालू स्थिति में है. जिससे 4.12 हेक्टेयर जमीन ही सिंचित हो पा रहा है. नाबार्ड फेज 8 में 14 नलकूप स्थापित है. जिसमें 13 चालू है. जबकि एक बिजली नहीं होने के कारण बंद है. चालू 13 नलकूप से 70.50 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रही है. नाबार्ड फेज 11 के तहत स्थापित कूल 29 नलकूप में 3 यांत्रिक दोष, एक विद्युत दोष, पांच संयुक्त दोष से बंद है. इस योजना के तहत चालू 20 नलकूप से 74.70 हेक्टेयर जमीन सिंचित की जा रही है.

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