पटना में चोरी की बिजली से चलाया जा रहा था ATM, शाखा प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज, मिलेगी यह सजा !
आशियाना नगर स्थित SBI बैंक का एटीएम को चोरी की बिजली से चलाया जा रहा था. मामले में बिजली विभाग ने शाखा प्रबंधक के खिलाफ थाने में शिकायत की है.
पटना: राजधानी के आशियाना नगर स्थित SBI बैंक का एटीएम को चोरी की बिजली से चलाया जा रहा था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब 13 जनवरी को विद्युत विभाग की टीम ने चेकिंग की. इस दौरान यह पाया गया कि मीटर से पूर्व पोल से आ रही सर्विस तार में अतिरिक्त तार जोड़ते हुए मीटर को बाइपास कर बिजली की चोरी की जा रही थी.
शाखा प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज
खास बात यह है कि इस एटीएम को एसबीआइ आशियाना नगर द्वारा संचालित किया जा रहा था. जबकि बिजली मीटर चंपा देवी के नाम पर पाया गया. इस संबंध में विद्युत विभाग की टीम के सहायक विद्युत अभियंता ने राजीव नगर थाने में एसबीआइ आशियाना नगर के शाखा प्रबंधक पर केस दर्ज करा दिया.
दो लाख 99 हजार का लगाया जुर्माना
विभाग ने केस कराने के साथ ही शाखा प्रबंधक पर दो लाख 99 हजार 594 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सहायक विद्युत अभियंता ने राजीव नगर थाना पुलिस को जानकारी दी है कि बिजली चोरी में प्रयुक्त मीटर व तार का विद्युत संबंध हटा कर परिसर से उखाड़ कर जब्त कर लिया गया है.
बिजली चोरी को रोकने के लिए सरकार ने बनाये हैं सख्त कानून
गौरतलब है कि सरकार बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इतना ही नहीं, सरकार ने कई सख्त कानून भी बना रखे हैं. इसके बावजूद बिजली की चोरी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. बिजली अधिनियम-2003 में बिजली की चोरी करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है. बिजली अधिनियम-2003 की धारा 135 और 138 के तहत बिजली चोरी करने वालों को दंडित किया जाता है.
जुर्माने के साथ-साथ जेल में भी सजा काटनी पड़ सकती है
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धारा- 135 में बिजली चोरी और धारा 138 के तहत चोरी के इरादे से बिजली के मीटर से साथ छेड़छाड़ से जुड़े मामले आते हैं. बिजली चोरी के अपराध में संलिप्त दोषियों को जुर्माने के साथ-साथ जेल में भी सजा काटनी पड़ती है.
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कई मामलों में पहली बार बिजली चोरी करने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है. यदि वह दोबारा बिजली की चोरी करता है तो उसे जुर्माना भरने के साथ जेल में सजा भी काटनी पड़ सकती है.
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इसके अलावा जुर्माने की राशि न भरने की स्थिति में भी दोषी को जेल भेजा जा सकता है. बताते चलें कि बिजली चोरी के संबंध में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग सजाएं दी जाती हैं.