Sasaram News : गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव वर्षों से अधर में

रोहतास व कैमूर जिले के 80 से अधिक गांवों के किसानों का सपना अधूरा

By PANCHDEV KUMAR | October 8, 2025 9:51 PM

रमेश कुमार पांडेय, कोचस

रोहतास व कैमूर जिले के सीमावर्ती इलाकों के किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने का काम वर्षों से लंबित है. इससे दोनों जिले के छह दर्जन से अधिक गांव के खेतों की प्यास अभी तक नहीं बुझ सकी है. पिछले कई साल से इस नदी पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. लेकिन, आज तक इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. इसके कारण प्रत्येक वर्ष रोहतास व कैमूर के लगभग 80 गांवों के किसान पटवन से वंचित रह जाते हैं. इस चुनाव में यह समस्या मुद्दा बन सकता है. हालांकि, नेताजी वोट भी किसानों से लेते हैं. लेकिन, चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं. इससे कथराई राजवाहा, सलथुआ राजवाहा व रघुनाथपुर राजवाहा से जुड़े अंतिम छोर के छह दर्जन गांव के किसान अपने खेतों की सिंचाई ठीक से नहीं कर पाते हैं.

चेकडैम निर्माण के लिए किसानों ने 2021 में बनायी थी कमेटीजानकारी के अनुसार, कपसियां पंचायत के सोहवलिया व अठवलिया गांव के बीच गोरेया नदी पर चेकडैम बनाने को लेकर वर्ष 2021 में स्थानीय किसानों ने बैठक कर कमेटी गठित की गयी थी. इसमें कोचस पश्चिमी के जिला पार्षद विनय पाल की अध्यक्षता में 11 सदस्य बनाये गये थे. बैठक में सर्वसम्मति से विनय पाल को अध्यक्ष, परसथुआं के राजा यादव को उपाध्यक्ष, सेलास के शशिकांत राय को सचिव, जयशंकर प्रसाद को उपसचिव और विजय बहादुर को कमेटी का संयोजक बनाया गया था. कमेटी ने इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका बरहूति गांव निवासी सिंचाई विभाग के सेवानिवृत अभियंता विजय बहादुर सिंह व कथराई के सेवानिवृत अभियंता जगन्नाथ सिंह की देखरेख में तैयार की गयी थी. इसके बाद इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका सरकार के पास भेजा गया. सरकार से इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने का दबाव बनाने के उद्देश्य से इसकी एक-एक कॉपी सांसद और विधायक व पूर्व विधायक को भी दी गयी थी. इस चेकडैम के निर्माण से कोचस प्रखंड के कपसियां, कथराई व चितैनी पंचायत के सभी गांव, करगहर प्रखंड के बकसड़ा व सिवन पंचायत और कैमूर जिले के सिसवार, सलथुआं, ससना आदि पंचायत के लगभग 80 गांव के किसान लाभान्वित होंगे.

वर्ष 2022 में पटना से आयी थी जांच टीमसामाजिक कार्यकर्ता जयशंकर प्रसाद की मानें तो, इस चेकडैम को अमलीजामा पहनाने को लेकर पिछले 20 मार्च 2022 को सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता इ-राकेश पांडेय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम पहुंची थी, जो निर्माण स्थल के साथ-साथ अन्य बिंदुओं पर गहन पड़ताल कर वापस लौट गयी. इस दौरान टीम ने शीघ्र ही इसकी जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपने की बात कही थी. लेकिन, सिंचाई विभाग, सांसद और स्थानीय विधायक के लापरवाही के कारण अब तक इस नदी पर चेकडैम का निर्माण कार्य नहीं हो सका है. इससे संबंधित किसानों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है.

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