टीबी मरीजाें की पहचान में लायी गयी तेजी, तो एक माह में मिले 373 नये मामले

वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार प्रयासरत है. जिले में भी लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है और टीबी से संक्रमित मरीजों की पहचान करके उनका लगातार इलाज किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Print | May 13, 2024 9:53 PM

सासाराम नगर. वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार प्रयासरत है. जिले में भी लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है और टीबी से संक्रमित मरीजों की पहचान करके उनका लगातार इलाज किया जा रहा है. अप्रैल महीने में जिला स्वास्थ्य समिति को 208 टीबी का मरीज खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके विरुद्ध में जिला यक्ष्मा केंद्र ने विभिन्न प्रखंडों से 202 मरीजों की पहचान करके राज्य स्वास्थ्य समिति को नोटिफिकेशन भेजा है. वही इस अभियान में सहयोगी संस्था के रूप में कार्य कर रही डॉक्टर फॉर यू के लिए भी जिले में 275 टीबी मरीज खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसके एवज में 171 टीबी मरीज नोटिफाई किये गये हैं. इस तरह से जिले में अप्रैल में कुल 373 टीबी के मरीजों का चिह्नित किया गया है.

शहरी क्षेत्रों में जांच का दायरा बढ़ने से मिल रहे अधिक मरीज

टीबी उन्मूलन को लेकर सभी प्रखंडों में मरीजों का पता लगाया जा रहा है, जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने सासाराम प्रखंड में सर्वाधिक 135 टीबी के नये मरीज पाये गये थे. इसके बाद डेहरी में 67, नौहट्टा में 14, नासरीगंज में 23, रोहतास में 15, दिनारा में 33, करगहर में 15, बिक्रमगंज में 11, तिलौथू में पांच, कोचस में छह, चेनारी में पांच, काराकाट में आठ, दावथ में तीन, राजपुर में दो, अकोढीगोला में तीन, शिवसागर में तीन, नोखा में तीन नये मरीजों को चिह्नित किया गया है. जिला यक्ष्मा केंद्र के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जिले में लगातार टीबी के मरीजों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें जिला यक्ष्मा केंद्र के साथ-साथ सहयोगी संस्था भी अहम भूमिका निभा रही हैं. इस वजह से लगातार टीबी के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है. सीडीओ ने बताया कि जिले में सासाराम व डेहरी में अधिक लोग जांच और इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इसलिए इन प्रखंडों में टीबी अधिक मरीज पाये जा रहे हैं. टीबी मरीजों में वृद्धि होने का मुख्य कारण जागरूकता का अभाव माना जा सकता है, क्योंकि, एक टीबी मरीज कई स्वस्थ लोगों को टीबी की चपेट में ले सकता है. इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि टीबी के लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द जांच करवायें.

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