घोघारी नदी पर बना रसौली का जमींदारी बांध टूटा, गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में आयी कमी

पटना में बहने वाली गंगा, सोन और पुनपुन नदी के जल स्तर में मंगलवार को कमी दर्ज की गयी है. हालांकि कोइलवर में सोन नदी का पानी बढ़ा है. अभी सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. मंगलवार शाम तक पटना के सभी तटबंध सुरक्षित थे.

By Prabhat Khabar | June 30, 2021 1:52 PM

पटना. पटना में बहने वाली गंगा, सोन और पुनपुन नदी के जल स्तर में मंगलवार को कमी दर्ज की गयी है. हालांकि कोइलवर में सोन नदी का पानी बढ़ा है. अभी सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. मंगलवार शाम तक पटना के सभी तटबंध सुरक्षित थे.

पटना शहर की सुरक्षा दीवार भी सुरक्षित थी. बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की कई टीमें लगातार सक्रिय हैं. मंगलवार की दोपहर तीन बजे बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिले आंकड़ों के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर दीघा घाट में 47.11 मीटर था. सोमवार को 47.30 मीटर और रविवार को यह 47.68 मीटर था.

पानी का दबाव नहीं सह सका जमींदारी बांध

पानापुर. पानापुर-मशरक प्रखंड की सीमा से गुजरनेवाली घोघारी नदी पर रसौली गांव में बना जमींदारी बांध अत्यधिक पानी का दबाव नहीं सह सका और मंगलवार की सुबह ध्वस्त हो गया. जमींदारी बांध टूटते ही घोघारी नदी का पानी तेजी से रसौली व बकवा पंचायत के गांवों में फैलने लगा, जिससे लोगों में अफरातफरी मच गयी.

रसौली, धनौती, बकवा, पानापुर आदि गांवों के निचले क्षेत्रों में लगे धान के बिचड़े सहित अन्य फसलें पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश के कारण पहले ही डूबी थी. वहीं जमींदारी बांध के टूटने के कारण ऊंचे स्थानों पर लगी फसलों के डूबने का भी अंदेशा है. लगातार हो रही बारिश व जून में ही उफनाई घोघारी नदी की भयावहता से ग्रामीण आनेवाले दिनों को लेकर अभी से ही सशंकित है.

ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे अब मवेशियों के लिए चारे की समस्या भी उत्पन्न हो जायेगी. उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ की आशंका से निचले क्षेत्रों में बसे ग्रामीण अब विस्थापन की तैयारी में जुटे हैं.

जमींदारी बांध के लगभग दिन में टूटने की सूचना के बाद जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने स्थल पर पहुंचकर कहा प्रारंभ तौर पर यह बांध निश्चित तौर पर काटे जाने की आशंका है. चूंकि एक तरफ चंवर में पानी पूरा भरा हुआ था और उधर की फसल बर्बाद हो रही थी और दूसरी तरफ खाली थी. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही टूटे हुए जमींदारी बांध से बहाव को रोकने के लिए कटावरोधी कार्य शुरू किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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