कई इलाकों में बाढ़ ने मचायी तबाही

* एनएच 19 पर पानी बहने से यातायात बाधित, करोड़ों रुपये की फसल हुई बरबाद छपरा (सारण) : गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि शनिवार को भी जारी रहा. इस वजह से कई नये क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. छपरा–पटना मार्ग पर अवतार नगर थाने से लेकर पकवलिया गांव तक बाढ़ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 18, 2013 1:27 AM

* एनएच 19 पर पानी बहने से यातायात बाधित, करोड़ों रुपये की फसल हुई बरबाद

छपरा (सारण) : गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि शनिवार को भी जारी रहा. इस वजह से कई नये क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. छपरापटना मार्ग पर अवतार नगर थाने से लेकर पकवलिया गांव तक बाढ़ का पानी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बह रहा है.

गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण तैल नदी, सरयू नदी, सोंधी नदी, दाहा, बोहटा आदि नदियों के जल स्तर में भी वृद्धि हुई है और तटबंधों पर दबाव लगातार बना हुआ है. स्थिति पर नियंत्रण के लिए जल संसाधन विभाग के अभियंता लगातार क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गयी है.

* वाहनों का आवागमन बाधित

छपरापटना मेन रोड एनएच 19 पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से छोटे वाहनों का आवागमन ठप हो गया है. अवतार नगर थाने से लेकर पकवलिया गांव तक एनएच 19 पर करीब दो फुट बाढ़ का पानी बह रहा है. यह स्थिति यहां तीन दिनों से बनी हुई है. फलत: छोटे वाहनों का परिचालन मार्ग परिवर्तित करके किया जा रहा है. छपरागड़खाशीतलपुर होकर छोटे वाहन छपरापटना के बीच चल रहे हैं.

* इन क्षेत्रों में घुसा है पानी

बाढ़ के कारण रिविलगंज के सिताब दियारा, प्रभुनाथ नगर, डिलीया रहिमपुर, छपरा सदर प्रखंड के कोटवापट्टी रामपुर, कुतुबपुर, महाजी, बिंदगांवा, सुरतपुर, दयालचक, बलवन टोला दियारा क्षेत्र में पानी बढ़ रहा है. इसके अलावा नदी से उत्तर बसे पकवलिया, धनौरा, कोठेया, नरांव, फकुली, झौंवा समेत एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. मांझी प्रखंड के गरेया टोला, सलेमपुर, मटियार आदि क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है.

सोनपुर प्रखंड की करीब आधा दर्जन पंचायतों के हजारों की आबादी बाढ़ से परेशान है. हरिहरनाथ मंदिर के पास, डीआरएम ऑफिस चौक के पास गंगा नदी के बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पहलेजा पथ पर पानी चढ़ जाने से यातायात बाधित हो गया है. सबलपुर पश्चिमी, सबलपुर पूर्वी तथा सबलपुर मध्यवर्ती, नजरमीरा, पहलेजा पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लाखों की फसल नष्ट हो गयी है. वहां के निवासियों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है.

* कराये गये सुरक्षात्मक कार्य

जिले के करीब 50 स्थानों पर तटबंधों की मरम्मत अन्य सुरक्षात्मक कार्य कराये जा चुके हैं. शहर के ब्रह्मपुर पुल से दक्षिण तैल नदी के तटबंध पर शुक्रवार की देर शाम तक सुरक्षात्मक कार्य कराये गये.

मांझी प्रखंड के मटियार में सरयू नदी के तटबंध और सोनपुर प्रखंड के सबलपुर में सुरक्षात्मक कार्य करा लिये गये हैं. इसके अलावा मकेर, दरियापुर, दिघवारा समेत कई प्रखंडों के दर्जनों स्थानों पर जल संसाधन विभाग की ओर से तटबंधों की मरम्मत का कार्य कराया जा चुका है.

* फिर घुसा बाढ़ का पानी

शहर के साहेबगंज, तीन कोनिया, सरकारी बाजार, सीढ़ी घाट, करीमचक, कुरैशी मुहल्ला समेत कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. खनुआ नाले की उड़ाही नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. बाढ़ का पानी नाला के रास्ते शहर में प्रवेश कर रहा है. हालांकि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है किवाड़ा बंद है और शहर में बाढ़ का नहीं, बरसात का पानी जमा है. शहर की सड़कों पर पानी का बहाव होने से लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त है.

* अकिलपुर पंचायत के आठ गांवों में घुसा पानी

दिघवारा : प्रखंड की अकिलपुर पंचायत में बाढ़ के पानी ने भारी तबाही मचायी है. गंगा के बढ़े जल स्तर से इस पंचायत का आधा दर्जन से अधिक गांव पिछले 15 दिनों से जलमग्‍न है. इससे सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं, अब तक इस पंचायत के बाढ़पीड़ित परिवार की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं गया है. प्रशासनिक पदाधिकारियों ने बाढ़पीड़ित परिवारों की सुधि नहीं ली है. इससे अब तक सैकड़ों बाढ़पीड़ित परिवारों के बीच सरकारी राहत नहीं पहुंच सकी है.

बाढ़पीड़ित परिवार कभी अपनी किस्मत को तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली को कोस रहे हैं. बाढ़पीड़ित परिवारों के बीच अब तक राहत सामग्री के वितरण होने से क्षोभ व्याप्त है. पंचायत के पैक्स अध्यक्ष रामानुज कुमार, उपमुखिया चंदा देवी, उपसरपंच उदय राय, वार्ड सदस्य कठिन राय, बीडीसी सदस्य बबन पासवान, नरेश बैठा, बबन राय उमेश पासवान ने पंचायत के अकिलपुर, बाकरपुर, दुधिया, बभनगांवा, पकौलिया, रामदासचक, सलहली बतरौली गांव के बाढ़पीड़ित परिवारों के बीच जिला प्रशासन द्वारा अविलंब राहत वितरण करने की मांग की है.

* जिले के सभी तटबंधों पर सुरक्षात्मक कार्य करा लिये गये हैं. गंगा नदी खतरे के निशान से 1.04 मीटर ऊपर बह रही है. यह गांधी घाट की स्थिति है, जबकि बक्सर और वाराणसी में जल स्तर घट रहा है. लेकिन यहां जल स्तर में वृद्धि का कारण सरयू और गंडक नदी के जल स्तर में वृद्धि होना है. छपरा शहर में बाढ़ का नहीं, बल्कि नाला का पानी बह रहा है. क्योंकि नाले को सरयू नदी के पास बंद कर दिया गया है.

अशोक कुमार केसरी, कार्यपालक अभियंता

जल संसाधन विभाग, छपरा

* बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चल रहा है. पीड़ित परिवारों के बीच खाद्यान्न का वितरण, नाव का परिचालन करने का जिम्मा अंचल पदाधिकारियों को दिया गया है, जबकि चिकित्सा सेवा, पशुओं के उपचार के लिए संबंधित विभाग कार्य कर रहा है. प्रत्येक पीड़ित परिवार को एक क्विंटल खाद्यान्न और एक हजार रुपये दिये जा रहे हैं.

राजेंद्र मंडल, वरीय उपसमाहर्ता सह, प्रभारी पदाधिकारी

आपदा प्रबंधन विभाग सारण, छपरा

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