दोषी तीन सिपाहियों को तीन-तीन साल की कैद

छपरा/ बेतिया : चलती ट्रेन में यात्रियों से लूटपाट के मामले में रेलवे कोर्ट ने रेल पुलिस के तीन जवानों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. सभी पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायिक दंडाधिकारी श्रीराम झा ने यात्रियों से लूटपाट करने के मामले में तीनों जवानों को दोषी पाकर यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2018 11:30 PM

छपरा/ बेतिया : चलती ट्रेन में यात्रियों से लूटपाट के मामले में रेलवे कोर्ट ने रेल पुलिस के तीन जवानों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. सभी पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायिक दंडाधिकारी श्रीराम झा ने यात्रियों से लूटपाट करने के मामले में तीनों जवानों को दोषी पाकर यह सजा सुनायी है.

सजायाफ्ता पुलिस जवान बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर मझौल निवासी नवीन कुमार, सारण के बोगिया दाउदपुर निवासी उदय नारायण सिंह एवं मुगेर जिले के गठिरा रामपुर नारायणनगर निवासी उदय प्रसाद चौधरी बताये गये हैं. सहायक अभियोजन पदाधिकारी बालकृष्ण दूबे ने बताया कि अमृतसर से चलकर दरभंगा जानेवाली जननायक एक्सप्रेस में 27 अगस्त, 2012 को तीनों पुलिस जवान गश्ती दल में प्रतिनियुक्त थे. गाड़ी नरकटियागंज जंक्शन से खुलकर बेतिया के लिए रवाना हुई .

नरकटियागंज -साठी के बीच ट्रेन पहुंची तभी तीनों यात्री बोगी में प्रवेश किये. साठी थाने के हिच्छापाल निवासी ब्रजेश पंडित से पहचान पत्र की मांग की. नहीं दिखाने पर 300 रुपये मांगने लगे. जब यात्री ने इसका प्रतिरोध किया, तो मारपीट करते हुए उससे लूटपाट की घटना को अंजाम दिया. बेतिया स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची, तो ब्रजेश ने र शोरगुल किया.

दूसरी बोगी में भी सवार अन्य यात्रियों ने भी गश्ती दल के जवानों पर लूटपाट का आरोप लगाया. इस मामले में ब्रजेश के आवेदन पर नरकटियागंज रेल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्राथमिकी के बाद अनुसंधान में सही पाकर पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया था. उसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह सजा सुनायी है.

विभागीय कार्रवाई में हो चुके हैं बर्खास्त : पुलिस सूत्रों ने बताया कि लूटपाट की घटना में नामजद अभियुक्त बनाये गये रेल पुलिस के जवान बर्खास्त किये जा चुके हैं. सिपाही नवीन कुमार सिंह, उदयनारायण सिंह एवं उदय प्रसाद चौधरी को नामजद होने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी. इसमें संचालन पदाधिकारी ने दोषी पाकर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था.

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