ऊं नम: शिवाय से गूंज रहा कांवरिया पथ

गरीबनाथ पर जलाभिषेक के लिए कांवरियों का जत्था रवाना सोनपुर : सावन की तीसरी सोमवारी को मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करने को लेकर शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर स्थित पहलेजा घाट के विभिन्न तटों पर पवित्र स्नान करने के पश्चात गंगा जल लेकर कांवरियों ने प्रस्थान किया. भगवान शिव में आस्था […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 22, 2017 9:11 AM
गरीबनाथ पर जलाभिषेक के लिए कांवरियों का जत्था रवाना
सोनपुर : सावन की तीसरी सोमवारी को मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करने को लेकर शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर स्थित पहलेजा घाट के विभिन्न तटों पर पवित्र स्नान करने के पश्चात गंगा जल लेकर कांवरियों ने प्रस्थान किया. भगवान शिव में आस्था और भक्ति से संपूर्ण हरिहर क्षेत्र सोनपुर भक्तिमय हो गया है. सावन के तीसरे शुक्रवार को भोलेनाथ के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन कांवरियों के रूप में हो रहा था. भीड़ का आलम यह कि पहलेजा घाट धाम में शिव भक्त कांवरियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा.
एक अनुमान के मुताबिक सावन के तीसरे सोमवारी को मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए शुक्रवार को लगभग डेढ़ लाख से अधिक कांवरिये यहां से अलग-अलग जत्थे में रवाना हुए. बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है एवं हर हर महादेव के जय घोष से पूरा हरिहर क्षेत्र शुक्रवार को गुंजायमान हो रहा था. पहलेजा घाट धाम से लगभग 65 किलोमीटर कि इस धर्म यात्रा में अनेक ऐसे पड़ाव आते हैं, जहां कांवरियां ठहर कर विश्राम करते है.
इसके बाद कांवर की पूजा-अर्चना कर पुनः अपने पथ पर निकल पड़ते है. तीन दिनों की इस कांवर यात्रा में प्रथम पड़ाव बाबा हरिहरनाथ मंदिर होता है. केवल मंदिर ही नहीं आसपास के बाग बगीचे में भी पड़ाव डाले कांवरियों का जत्था एक बार भगवान शिव का जय कारा लगाते बाबा रामलखन दास पथ होते हुए गजग्राह चौक के रास्ते जब पुरानी गंडक पुल में प्रवेश करता है, तब यह दृश्य देखते ही बनता है. पूरे पुल में केवल कांवरिये ही कांवरिये दिखाई पड़ते है. शुक्रवार को कांवरियों के वाहनों के भीड़ के कारण छपरा-पटना राष्ट्रीय उच्च पथ 19 पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी. कांवरियों में अत्यधिक महिलाओं की संख्या थी.
श्रद्धालु महिलाओं के शिव भक्ति से ओतप्रोत गीत भक्ति का एक अलग ही नजारा प्रस्तुत कर रहा था. पहलेजा घाट धाम से लेकर कांवरिये के सेवा में स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जगह-जगह ग्रामीण शिविर लगाकर पानी, शरबत, नींबू सहित कई अन्य सामान रख कर सेवा में लगे हुए थे.

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