तीन महिलाओं का फेल हो गया बंध्याकरण, विभाग देगा क्षतिपूर्ति

पीड़ित महिलाओं ने ऑपरेशन फेल होने पर किया था क्षतिपूर्ति का दावा परिवार नियोजन ऑपरेशन के दो वर्ष बाद फिर से गर्भवती हो गयीथीं तीनों महिलाएं एफपीआइएस के अनुमोदन पर सभी पीड़ित महिलाओं को मिलेंगे 30-30 हजार रुपये समस्तीपुर :परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत किया गया बंध्याकरण ऑपरेशन के फेल हो जाने पर जिले की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2019 4:10 AM

पीड़ित महिलाओं ने ऑपरेशन फेल होने पर किया था क्षतिपूर्ति का दावा

परिवार नियोजन ऑपरेशन के दो वर्ष बाद फिर से गर्भवती हो गयीथीं तीनों महिलाएं
एफपीआइएस के अनुमोदन पर सभी पीड़ित महिलाओं को मिलेंगे 30-30 हजार रुपये
समस्तीपुर :परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत किया गया बंध्याकरण ऑपरेशन के फेल हो जाने पर जिले की तीन महिलाओं ने विभाग पर क्षतिपूर्ति का दावा ठोका है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग को जुर्माना भरना पड़ रहा है. परिवार कल्याण ऑपरेशन विफल होने पर स्टेट फैमिली प्लानिंग इनडेमनिटी सब कमेटी (एसएफपीआइएस)ने पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति स्वरूप तीस-तीस हजार रुपये देने का अनुमोदन भी कर दिया है.
जानकारी के अनुसार, सरायरंजन के रामानंद राय की पत्नी प्रगति कुमारी का सदर अस्पताल में तीन वर्ष पूर्व 24 फरवरी 2016 को परिवार कल्याण ऑपरेशन कराया गया था. इसके बावजूद दो साल बाद 26 फरवरी 2018 को उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई. कुछ इसी तरह सिंघिया थाना क्षेत्र के वारी गांव निवासी गोविंद कुमार झा की पत्नी रीता देवी का सिंघिया पीएचसी में 17 नवंबर 2016 को बंध्याकरण ऑपरेशन कराया गया था. इनका ऑपरेशन भी फेल हो गया और करीब डेढ़ साल बाद 5 जनवरी, 2018 को गर्भवती होने की पुष्टि हुई. इसके बाद पीड़िताओं ने विभाग पर क्षतिपूर्ति का दावा ठोका. जांचोंपरांत उसने विभाग ने सभी आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध कराये.
इसके बाद फैमिली प्लानिंग इनडेमनिटी सब कमेटी (एफपीआइएस)2016 में निहित प्रावधानों के अनुसार उक्त लाभार्थी को सरकार ने क्षतिपूर्ति स्वरूप 30 हजार रुपये देने की अनुशंसा की है. इससे पूर्व कल्याणपुर प्रखंड के हजपुरवा करुआ निवासी अजय कुमार दास की पत्नी सीता देवी ने भी ऑपरेशन फेल हो जाने का दावा किया था. उनका सदर अस्पताल में तीन वर्ष पूर्व 31 मार्च, 2016 को परिवार कल्याण ऑपरेशन (बीटीएल विथ एलएससीएस) कराया गया था. 24 सितंबर, 2018 को अल्ट्रासाउंड करवाने पर गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी.
विभाग ने आवेदिकाओं को क्षतिपूर्ति देने की कार्यवाही शुरू कर दी है. इसको लेकर एसएफआइएस के निर्णय पर क्षतिपूर्ति की यह राशि आवेदिकाओं को भुगतान करने का आदेश सभी संबंधित अस्पताल के उपाधीक्षक को दिया गया है.

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