Irctc news- तेज रफ्तार से पटरी पर दौड़ रही क्लोन ट्रेन में लगी आग, बर्निंग ट्रेन बनने से बची बिहार से दिल्ली जा रही हमसफर एक्सप्रेस

Indian railway/ Irctc news- सहरसा से नयी दिल्ली जा रही क्लोन ट्रेन मंगलवार सुबह बर्निंग ट्रेन बनने से बाल-बाल बच गयी. मंगलवार सुबह 5 बजे सहरसा जंक्शन से नयी दिल्ली के लिए ट्रेन नंबर 02563 क्लोन ट्रेन बनकर खुली थी. 5:17 बजे पर ट्रेन जब सोनबरसा कचहरी स्टेशन पार कर रही थी, तभी स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाते स्टेशन मास्टर की नजर ट्रेन के एक कोच के नीचे लगी आग पर पड़ी. थर्ड एसी कोच संख्या 16135 सी के नीचे के दोनों पहियों में आग लगी थी. पहिया से जेज लपटें निकलने लगी थी और धुंआ निकल रहा था.

By Prabhat Khabar | October 20, 2020 6:28 PM

सहरसा से नयी दिल्ली जा रही क्लोन ट्रेन मंगलवार सुबह बर्निंग ट्रेन बनने से बाल-बाल बच गयी. मंगलवार सुबह 5 बजे सहरसा जंक्शन से नयी दिल्ली के लिए ट्रेन नंबर 02563 क्लोन ट्रेन बनकर खुली थी. 5:17 बजे पर ट्रेन जब सोनबरसा कचहरी स्टेशन पार कर रही थी, तभी स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाते स्टेशन मास्टर की नजर ट्रेन के एक कोच के नीचे लगी आग पर पड़ी. थर्ड एसी कोच संख्या 16135 सी के नीचे के दोनों पहियों में आग लगी थी. पहिया से जेज लपटें निकलने लगी थी और धुंआ निकल रहा था. सहरसा से नयी दिल्ली जा रही क्लोन ट्रेन से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

स्टेशन मास्टर ने दिखाई सूझबूझ

आनन-फानन में स्टेशन मास्टर ने रन थ्रू निकल रही ट्रेन के आगे के सिग्नल को ग्रीन से रेड कर दिया. रफ्तार अधिक होने के कारण ट्रेन सिगनल पार कर चुकी थी. स्टेशन मास्टर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तुरंत वॉकी टॉकी से इसकी सूचना ट्रेन के गार्ड चालक और कंट्रोल को दी. चालक ने सूचना मिलते ही तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन ब्लॉग सेक्शन पार्क करके 23 नंबर गुमटी के पास रुकी. आग लगने की वजह से कोच में धुआं भर गया था. यात्रियों के बीच काफी अफरातफरी मची थी. सभी यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतारा गया. जिसके बाद कोच के अंदर लगे फायर फाइटिंग बॉक्स की मदद से आग पर काबू पाया गया.

8 फायर फाइटिंग बॉक्स की मदद से आग पर पाया गया काबू

अधिकारियों के अनुसार 8 फायर फाइटिंग बॉक्स की मदद से आग पर काबू पाया गया. करीब 50 मिनट तक ट्रेन रुकी रही. कंट्रोल की सूचना के बाद ट्रेन आगे रवाना हुई. स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर अजीत पासवान ने बताया कि जिस समय ट्रेन रन थ्रू निकल रही थी, आगे का सिग्नल ग्रीन था. दोनों पहिए में आग लगी देखने के तुरंत बाद सिग्नल को लाल किया. तुरंत ही वॉकी टॉकी की मदद से गार्ड चालक और कंट्रोल को इसकी सूचना दी. वहीं आगे गेटमैन को लाल झंडी दिखाने का निर्देश दिया. जिसके बाद चालक ने ट्रेन को रोक दिया.

सहरसा से खुलते ही पहिया में लगी थी आग

बताया जा रहा है कि जब ट्रेन सहरसा जंक्शन से खुली थी, तभी चलती ट्रेन में ब्रेक वाइंडिंग की वजह से पहिए में आग लग गयी. जब ट्रेन सहरसा कचहरी स्टेशन पार कर रही थी, ट्रेन की अधिकतम स्पीड 110 थी. अगर स्टेशन मास्टर अजीत पासवान और धर्म कांटा धीरज कुमार ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो ट्रेन की पूरी कोच आग की लपटों में होती. हालांकि सोनबरसा कचहरी स्टेशन से जब ट्रेन रन थ्रू सिमरी बख्तियारपुर के लिए निकल रही थी. तब आगे का सिग्नल ग्रीन था. जिसे आनन-फानन में रेड किया गया और आगे सभी गेटमैन को ट्रेन रोकने के लिए लाल झंडा दिखाने का निर्देश दिया गया. अगर समय पर सूझबूझ नहीं दिखाई जाती तो एक बड़ी दुर्घटना हो जाती.

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कोच में भरा था धुंआ, यात्रियों में मची थी अफरा-तफरी

बता दें कि सहरसा से नयी दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस के डुप्लीकेट ट्रेन 02563 क्लोन के रूप में चलायी जा रही है. इसमें सभी हमसफर के कोच लगाये गये हैं. जिस कोच के पहिए में आग लगी थी, अंदर बोगी में धुआं भर रहा था. जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गयी. गुमटी नंबर 23 पर ट्रेन रूकते ही सभी जान बचाकर नीचे कूद पड़े. वहीं सोनबरसा कचहरी के स्टेशन अधीक्षक अमरनाथ ने बताया कि स्टेशन मास्टर अजीत पासवान और धर्म कांटा धीरज कुमार की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया. उन्होंने घटना की तुरंत जानकारी दी थी. इसके बाद कंट्रोल को सूचना दी गयी. हालांकि हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

समय पर रेल कर्मचारियों की सूझबूझ ने बड़ा हादसा टाला

घटना की जानकारी मिली है. आग कैसे लगी, इस बारे में जानकारी ली जा रही है. स्टेशन मास्टर ने सूझबूझ दिखाई है. डीआरएम को इसकी रिपोर्ट भेजी जायेगी. जिसके बाद स्टेशन मास्टर सहित सोनबरसा कचहरी स्टेशन पर तैनात अन्य रेल कर्मचारियों ने जो इस घटना में अच्छा परिचय दिया है, उन्हें पुरस्कृत भी किया जा सकेगा.

सरस्वतीचंद्र, सीनियर डीसीएम, समस्तीपुर रेल मंडल

(सहरसा से दीपांकर श्रीवास्तव की रिपोर्ट)

Posted by : Thakur Shaktilochan

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