पोस्ट ऑफिस घोटाला: सहरसा व सुपौल हेड पोस्ट ऑफिस में साढ़े तीन करोड़ के गबन की जांच करेगी सीबीआइ

सहरसा व सुपौल हेड पोस्ट ऑफिस से साढ़े तीन करोड़ के गबन का मामला गरमा गया है. इसे लेकर विभाग ने अब सीबीआइ जांच की अनुशंसा की ही. बताया जा रहा है कि मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी. अभी तक 14 लोगों को निलंबित किया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 2, 2022 5:15 AM

हेड पोस्ट ऑफिस सहरसा व हेड पोस्ट ऑफिस सुपौल में हुए लगभग साढ़े तीन करोड़ की राशि के गबन में जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है. इसकी जांच जल्द ही सीबीआइ की टीम शुरू करेगी. इसको लेकर किये जा रहे लगातार मांग को देखते हुए विभाग ने इसकी जांच को लेकर सीबीआइ को अनुशंसा कर दी है. गबन के आरोप में तत्कालीन हेड पोस्ट ऑफिस सहरसा के पोस्ट मास्टर राजेश कुमार को पूर्व में ही निलंबित कर दिया गया था. जबकि, इनके साथ 14 अन्य कर्मियों को भी पूर्व में निलंबित किया जा चुका है.

पोस्ट ऑफिस सहरसा के तत्कालीन पोस्ट मास्टर राजेश कुमार को सरकारी राशि के गबन का मुख्य आरोपित बनाया गया है. इस गबन का मास्टरमाइंड भी विभाग ने इन्हें ही करार दिया है. गबन की जांच तत्कालीन पोस्ट मास्टर जनरल अदनान अहमद ने फरवरी माह में की थी. इसमें तीन करोड़ 30 लाख रुपये के सरकारी राशि के गबन का मामला उजागर हुआ था. इसको लेकर पोस्ट मास्टर जनरल ने पोस्ट ऑफिस सहरसा के पोस्ट मास्टर को मास्टमाइंड मानते हुए राजेश कुमार को निलंबित कर दिया था. साथ ही उनके सहयोग के लिए 14 अन्य कर्मियों को भी निलंबित किया गया था.

सहरसा, मधेपुरा व सुपौल सर्किल में पोस्ट ऑफिस में हुए सरकारी राशि के घोटाले की गूंज फैलते ही क्षेत्रीय स्तर पर इसकी जांच अधिकारियों ने की थी. इसमें घोटाले का मामला सामने आने के बाद विभाग के वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गयी. इस आलोक में तत्कालीन पोस्टमास्टर जनरल अदनान अहमद ने जांच की. इसमें बड़ी राशि के गबन का मामला सामने आया, जिसमें मुख्य आरोपित सहरसा हेड पोस्ट आॅफिस के तत्कालीन पोस्टमास्टर राजेश कुमार को बनाया गया. जांच के दौरान सहरसा हेड पोस्ट आॅफिस में एक करोड़ 90 लाख व सुपौल हेड पोस्ट ऑफिस में एक करोड़ 30 लाख के सरकारी राशि के गबन का मामला उजागर हुआ. इस पर कार्रवाई करते तत्काल 14 अन्य कर्मियों की संलिप्तता पाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया. इधर गबन को लेकर लोगों के बढ़ते दबाव को देखते विभाग ने इसकी जांच को लेकर सीबीआइ को अनुशंसा कर दी. सीबीआइ इस केस पर अपनी कार्रवाई जल्द शुरू करेगी. गबन के आरोपित की जांच की प्रक्रिया सहित पूरे मामले पर एकबार फिर से कार्रवाई होना तय है.

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