गढ़बरूआरी से सुपौल 120 की स्पीड से दौड़ी सीआरएस स्पेशल

11 किमी रेलखंड पर 60, 100 और 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन तीन दिनों में मंत्रालय को सौंपी जायेगी रिपोर्ट, 15 से 20 दिनों में नये ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी ट्रेन पूर्वी सर्किल कोलकाता के रेलवे संरक्षा आयुक्त लतीफ खान ने सीआरएस निरीक्षण के बाद कहा गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच ट्रैक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 21, 2019 7:15 AM
  • 11 किमी रेलखंड पर 60, 100 और 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
  • तीन दिनों में मंत्रालय को सौंपी जायेगी रिपोर्ट, 15 से 20 दिनों में नये ब्रॉडगेज पर दौड़ेगी ट्रेन
  • पूर्वी सर्किल कोलकाता के रेलवे संरक्षा आयुक्त लतीफ खान ने सीआरएस निरीक्षण के बाद कहा
  • गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच ट्रैक की स्थिति सामान्य, 15 से 20 दिनों में में दौड़ेगी ट्रेन
सहरसा : गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच आमान परिवर्तन कार्य पूरा होने पर पूर्वी सर्किल कोलकाता के रेलवे संरक्षा आयुक्त लतीफ खान ने बुधवार को 11 किलोमीटर इस रेलखंड पर सीआरएस निरीक्षण किया. सीआरएस निरीक्षण के बाद ब्रॉड गेज पर ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है.
बुधवार को 11 किलोमीटर के इस रेलखंड पर करीब 6 घंटे तक सीआरएस निरीक्षण किया गया. सीआरएस निरीक्षण के बाद सीआरएस लतीफ खान ने कहा कि ट्रैक की स्थिति सामान्य है. थोड़ी सेफ्टी की जरूरत है. डीआरएम को सेफ्टी संबंधित कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है. दो से तीन सप्ताह के अंदर गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच ट्रेन का परिचालन शुरू होगा.
बुधवार को सीआरएस लतीफ खान रेल के वरीय अधिकारी और इंजीनियरों के साथ सहरसा जंक्शन से गढ़बरूआरी के लिए सीआरएस स्पेशल से रवाना हुए. गढ़बरूआरी पहुंचकर सीआीएस टीम 11 ट्रॉली से सुपौल तक ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण किया. करीब 6 घंटे तक ट्रैक की मजबूती, पुल और पुलिया का निरीक्षण किया गया.
सीआरएस लतीफ खान ने निरीक्षण के बाद कहा कि ट्रैक की स्थिति सामान्य है. तीन दिनों के अंदर रेलवे मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी. जिसके बाद हरी झंडी मिलेगी. सीआरएस निरीक्षण के दौरान 11 ट्रॉली साथ साथ चल रही थी.
जिसमें रेल के इंजीनियर और वरीय अधिकारी मौजूद थे. सीआरएस मोहम्मद लतीफ खान ने कहा कि रेलवे बोर्ड जैसे ही इस रिपोर्ट को हरी झंडी देती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से निर्धारित समय लेकर ट्रेन का परिचालन शुरू किया जायेगा.
सीआरएस निरीक्षण से पूर्व गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच सीआरएस स्पेशल 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से रवाना किया गया. वापसी में निरीक्षण के बाद सुपौल से गढ़बरूआरी के बीच अधिकतम 120 की स्पीड से सीआरएस स्पेशल चलायी गयी. सहरसा पहुंचने के बाद सीआरएस लतीफ खान ने कहा कि इस स्पीड ट्रायल रिपोर्ट को तीन दिनों के अंदर रेलवे मंत्रालय को सौंपी जायेगी.
इसी रिपोर्ट के आधार पर गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच ट्रेन के परिचालन को हरी झंडी मिल सकेगी. डीआरएम अशोक माहेश्वरी ने प्रभात खबर को बताया कि सहरसा से गढ़बरूआरी के बीच सिगनलिंग पर ट्रेन चल रही है. गढ़बरूआरी स्टेशन से सुपौल के बीच दो माह के अंदर बेहतर सिग्नल की व्यवस्था होगी. बेहतर पैनल और रिले रूम शुरू होगा.
जिसके बाद ट्रेनों की संख्या इस रेलखंड पर बढ़ाई जायेगी. फिलहाल गढ़बरूआरी से सुपौल के बीच मैनुअल पर ट्रेन चलाई जायेगी. सहरसा से गढ़बरूआरी तक जो वर्तमान में ट्रेन चल रही है, उसी ट्रेन का विस्तार सुपौल तक किया जायेगा. शुरू में गढ़बरूआरी स्टेशन से सुपौल के बीच एक ट्रेन का ही परिचालन होगा.
सुपौल से सरायगढ़ जनवरी में होगा सीआरएस: डीआरएम अशोक महेश्वरी ने बताया कि सुपौल से सरायगढ़ 24 किलोमीटर रेलखंड पर 25 दिसंबर तक आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर लिया जायेगा. जनवरी माह में सीआरएस होने की संभावना है.
वहीं सरायगढ़ से निर्मली कोसी रेल ब्रिज पर ट्रेन अगले वित्तीय वर्ष तक शुरू हो जायेगी. जनवरी माह में सीआरएस के बाद कोसी से मिथिलांचल रेल नेटवर्किंग क्षेत्र से जुड़ जायेगा. वहीं सरायगढ़ से फारबिसगंज तक मार्च 2021 तक आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर लिया जायेगा. सहरसा से फारबिसगंज 112 किलोमीटर रेलखंड पर अप्रैल 2021 से ट्रेन परिचालन शुरू हो सकेगा.
गढ़बरूआरी से सहरसा के बीच अधिकतम 120 की स्पीड से दौड़ी ट्रेन: सीआरएस निरीक्षण के बाद स्पीड अवलोकन के लिए ब्रॉडगेज के नयी रेल लाइन पर अधिकतम 120 की स्पीड से ट्रेन चलायी गयी. जिसकी सीआरएस ने रिपोर्ट ली. सीआरएस टीम सहरसा जंक्शन से गढ़बरूआरी के लिए सुबह 8:30 बजे सीआरएस स्पेशल से चली. जिसकी अधिकतम स्पीड 60 थी. गढ़बरूआरी पहुंचने के बाद सीआरएस टीम और वरीय अधिकारी 11 ट्रॉली से गढ़बरूआरी से सुपौल तक ट्रैक निरीक्षण करने चले.
इससे पूर्व गढ़बरूआरी से सुपौल तक सीआरएस स्पेशल ट्रेन अधिकतम 100 की स्पीड से सुपौल पहुंची. सीआरएस निरीक्षण के बाद स्पीड अवलोकन के लिए सुपौल से सहरसा के बीच 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से सीआरएस स्पेशल चली. गार्ड आरडी मंडल और चालक रंजीत सीआरएस स्पेशल को लेकर रवाना हुए.
रिले रूम सिगनल व पोस्ट का काम अभी बाकी: गढ़बरूआरी से सहरसा के बीच वर्तमान में सिग्नल पर ट्रेन दौड़ रही है. जबकि गढ़बरूआरी से सुपौल स्टेशन के बीच रिले रूम सिग्नल व पोस्ट का काम अभी बाकी है. बताया जा रहा है कि युद्ध स्तर पर काम हो रहा है.
गढ़बरूआरी से वीणा एकमा और सुंदरपुर हॉल्ट और सुपौल के बीच 11 किलोमीटर रेलखंड पर सिगनलिंग का काम पूरा करना है. बताया जा रहा है कि अगर ब्रॉडगेज पर गढ़बरूआरी से सुपौल तक ट्रेन चलाने की स्वीकृति मिली तो मैनुअल पर ट्रेन चलायी जायेगी.
हाथ हिला कर लोगों ने किया अभिवादन: सीआरएस की खबर सुनकर सुबह से गढ़बरूआरी से सुपौल स्टेशन तक के बीच लोग इंतजार करते रहे. सीआरएस को लेकर लोग काफी उत्साहित थे. शायद उन्हें उम्मीद जगी थी कि तीन साल बाद सहरसा से सुपौल रेल नेटवर्किंग में जुड़ जायेगा.
गढ़बरूआरी से लेकर सुपौल स्टेशन सहित अन्य जगहों पर और स्टेशन के बाहर रेलवे ट्रैक पर सीआरएस निरीक्षण को लेकर लोगों की भीड़ इकट्ठी रही. प्रत्येक स्टेशनों पर लोगों ने हाथ हिलाकर सीआरएस का अभिवादन किया. जैसे ही सीआरएस अधिकारी सुपौल स्टेशन पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर कर उत्सुकता से पूछा कि कब से इस रेलखंड पर ट्रेन चलेगी.
सुरक्षा का रखा गया विशेष ख्याल: सीआरएस निरीक्षण को लेकर रेलवे व जिला पुलिस ने सुरक्षा के लिए विशेष तैयारी की थी. जिला प्रशासन जीआरपी व आरपीएफ ने गढ़बरूआरी स्टेशन से सुपौल स्टेशन के बीच प्रत्येक स्टेशन व पॉइंट पर पुलिस की तैनाती की गयी थी.
इसके अलावा विधि व्यवस्था कायम रहे. मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गयी थी कि सहरसा आरपीएफ इंस्पेक्टर सारनाथ और सुपौल आरपीएफ कांस्टेबल विजय सरोज सहित अन्य आरपीएफ की टीम पल-पल सुरक्षा का जायजा ले रही थी.
सीआरएस में शामिल अधिकारी
समस्तीपुर डिवीजन के डीआरएम अशोक महेश्वरी, सीएओ बृजेश कुमार, चीफ इंजीनियर नॉर्थ संजीव शर्मा, सीनियर डीओएम अमरेश कुमार, सीनियर डीएमई पावर चंद्रशेखर प्रसाद, टीआई प्लानिंग प्रभाकर सिंह, टीआई मुख्यालय एसके मलिक, डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव, डिप्टी चीफ इंजीनियर कंस्ट्रक्शन डीके श्रीवास्तव, एडीएन मनोज कुमार, समस्तीपुर डिवीजन के डीएन थ्री मयंक अग्रवाल, आरपीएफ इंस्पेक्टर सारनाथ, एएसआई श्रीनिवास कुमार, सुपौल स्टेशन अधीक्षक प्रदीप कुमार भारतीय, सहरसा डीएमओ डॉ अनिल कुमार व अन्य मौजूद थे. इसके अलावा सहरसा जंक्शन पर रेल अधिकारियों के स्वागत में स्टेशन अधीक्षक नीरज चंद्रा, डिप्टी एसएस अरुण कुमार सहित कई अन्य अधिकारी शामिल थे.
1474 करोड़ आयी लागत
सहरसा-फारबिसगंज-सरायगढ़-सकरी-निर्मली-लोकहा बाजार 206 किलोमीटर रेलखंड पर अमान परिवर्तन कार्य की लागत लगभग 1474 करोड़ बतायी जा रही है. बता दें कि 20 जनवरी 2012 को 48 किलोमीटर राघोपुर-फारबिसगंज के बीच पहले चरण का मेगा ब्लॉक लिया गया था.

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