दुनिया के सौ ग्लोबल माइंड लीडर में शामिल हुई कोसी की बेटी रौली सत्यम

सराहनीय l मुंबई में मिला ग्लोबल अवार्ड फॉर रिटेल एक्सीलेंस देश के किसानों पर केंद्रित प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं हैं रौली सहरसा : बेटियां अब किसी से कम नहीं हैं. वह हर काम में परचम लहरा देश- प्रदेश ही नहीं परिवार का भी मान बढ़ा रही हैं. ऑस्ट्रलिया के सिडनी स्थित वुलवर्थ कंपनी में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2018 5:03 AM

सराहनीय l मुंबई में मिला ग्लोबल अवार्ड फॉर रिटेल एक्सीलेंस

देश के किसानों पर केंद्रित प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं हैं रौली
सहरसा : बेटियां अब किसी से कम नहीं हैं. वह हर काम में परचम लहरा देश- प्रदेश ही नहीं परिवार का भी मान बढ़ा रही हैं. ऑस्ट्रलिया के सिडनी स्थित वुलवर्थ कंपनी में काम कर रही रौली सत्यम ने कोसी क्षेत्र को पुन: अपने गौरवशाली इतिहास पर इठलाने का मौका दिया है. रिटेल चेन मार्केंटिंग के क्षेत्र में दुनिया के सौ बेहतरीन रणनीतिकार में शामिल ननौती गांव निवासी व रांची में एडीएम नक्सल के पद पर कार्यरत पूनम झा एवं इंजीनियर मणिकांत झा की
इस प्रतिभाशाली पुत्री रौली सत्यम को मिले सम्मान से इस इलाके की चर्चा होने लगी है. कोसी की उर्वर भूमि से निकली रौली सत्यम को बीते 13 फरवरी को मुंबई स्थित ताज होटल में विश्व के 100 ग्लोबल माइंड लीडर के रूप में सम्मानित किया गया है. रौली को यह सम्मान उसे विशेषकर व्यापार के रिटेल चेन में बृहत डिजिटल संभावनाओं को लेकर किये जा रहे प्रोजेक्ट के लिए वर्ल्ड रिटेल चेन की ओर से ग्लोबल अवार्ड फार रिटेल एक्सीलेंस के रूप में प्रदान किया गया है.
रिटेल चेन व किसान पर रही केंद्रित:
सम्मान समारोह के मौके पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते रौली प्रतिनिधित्व
दुनिया के सौ…
ऑस्ट्रलियन कंपनी को कर रही थी. लेकिन, उसने संबोधन में भू-मंडलीयकरण के दौर में प्रगति कर रहे बाजार व भारतीय किसानों की दशा पर ही प्रकाश डाला. रौली का स्पष्ट कहना था कि बगैर अन्नदाता व उत्पादक के रिटेल चेन की अवधारणा आगे नहीं बढ़ सकती है. भारत में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि रिटेल चेन को इस चेन के अंतिम व्यक्ति किसान तक पहुंच बना उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि रिटेल चेन के डिजिटाइजेशन व उसके उपयोग हमारी रणनीति पर आधारित होती है. इसमें हमें उपभोक्ता हित का ख्याल रखना होता है.
किसानों को मिले एप्स, होगी सुविधा:
रौली ने अपने संबोधन के दौरान भारत में किसानों की आत्महत्या पर चिंता व्यक्त करते कहा कि अन्नदाता ही हमारे आधार हैं. इनकी अनदेखी किसी भी विकसित व विकासशील देश के लिए दुर्भाग्य का कारण बन सकता है. मौजूद ग्लोबल लीडर को सुझाव देते कहा कि क्यों ना डिजिटाइजेशन का फायदा उन अन्न उत्पादकों को भी दिया जाये.
कंपनी व सरकार किसान को एप्स उपलब्ध करा उससे जोड़ने का काम करे. ताकि उन्हें भी अपने गांव ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही रिटेल व्यवसाय की जानकारी मिले. इससे अन्नदाता भी बाजार को देखते उत्पादन की रणनीति तैयार करेंगे. इस प्रकार की व्यवस्था होने पर आत्महत्या करने की प्रवृति समाप्त होगी. लोग नयी तकनीक के जरिये गांव के हाट-बाजार को सात समंदर पार होने वाले व्यवसाय से अपने जुड़ाव को महसूस करेंगे.
अन्नदाता की समस्या पर करेगी काम:
रिटेल चेन की सबसे बड़ी कंपनी वालमार्ट अमेरिका में तीन साल सेवा देने के बाद रौली वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में वुलवर्थ में बतौर डिजिटल एनालिटिक्स पदस्थापित हैं. रौली वर्तमान में एक स्वतंत्र रिटेल चेन की संभावना पर भी काम कर रही है, जिसे भविष्य में देश के ग्रामीण इलाके से शुरुआत की जायेगी.

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