राजभवन ने SVU की कार्रवाई पर उठाया सवाल, बताया अधिकार क्षेत्र में दखल, सरकार को लिखा पत्र

राजभवन ने अब खुलकर पत्र लिख दिया है कि बिना कुलाधिपति की अनुमति के इस तरह की कार्रवाई करना गलत है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 26, 2022 3:38 PM

पटना. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद की जमानत रद्द होने के बाद राज भवन ने स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई पर ही सवाल उठा दिया है. कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान ने स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई को अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया है. एक के बाद एक विश्विद्यालयों में उजागर हो रहे घोटाले और कुलपतियों के आवास से मिल रहे करोड़ों की संपत्ति के मामले में सरकार और राजभवन अब आमने-सामने है.

बिहार के मुख्य सचिव को लिखा पत्र

इसको लेकर अब तक राजभवन और सरकार के बीच खुले तौर पर कुछ नहीं था, लेकिन अब यह तकरार जगजाहिर हो गया है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई को राजभवन को ना सिर्फ गलत और कानून का उल्लंघन बताया है, बल्कि राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोंगथु ने इसको लेकर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिख दिया है.

अधिकार क्षेत्र में दखल का लगाया आरोप

प्रधान सचिव ने पत्र में साफ लिखा है कि विश्विद्यालयों के मामले में सक्षम प्राधिकार कुलाधिपति हैं. ऐसे में कुलाधिपति की अनुमति के बिना विश्वविद्यालयों में स्पेशल विजिलेंस यूनिट की कार्रवाई पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है. ऐसे में इस कार्रवाई को तत्काल रोकें. हाल में एसवीयू की तरफ से हो रही छापेमारी और विश्विद्यालयों को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश के मामले में राजभवन का गुस्सा सातवें आसमान पर दिख रहा है.

स्वायत्तता पर कुठाराघात बताया

राजभवन ने यहां तक कहा है कि इस कार्रवाई से विश्विद्यालयों की स्वायत्तता पर कुठाराघात है. प्रधान सचिव के पत्र में साफ है कि यह पत्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के सेक्शन 17A में उल्लिखित प्रावधानों का अक्षरशः पालन करने को लेकर लिखा जा रहा है. राजभवन ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई से विश्विद्यालयों में अनावश्यक भय का वातावरण बन रहा है. राज भवन की माने तो सरकार की इस कार्रवाई से पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक दवाब भी पड़ रहा है.

30 करोड़ से अधिक के गबन का है कुलपति पर आरोप 

मालूम हो कि 30 करोड़ रुपये गबन के आरोपी मगध विश्विद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के ठिकानों पर हुई विजिलेंस की छापेमारी के बाद जिस तरह से परत दर परत खुलासे हुए और बोधगया से लेकर गोरखपुर आवास तक विजिलेंस की दबिश बढ़ी, उसके बाद विजिलेंस में वीसी की पेशी हुई उससे सम्भवतः राजभवन नाराज है. इधर शिक्षा विभाग ने भी सभी विश्विद्यालयों में वित्तीय जांच कराने की बात कही थी, जिसको लेकर राजभवन ने अब खुलकर पत्र लिख दिया है कि बिना कुलाधिपति की अनुमति के इस तरह की कार्रवाई करना गलत है.

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