निजी अस्पताल में हो रहे ज्यादा सिजेरियन प्रसव

पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों में इसकी संख्या 03 हजार 899 दर्ज की गयी है

By Prabhat Khabar | May 19, 2024 6:35 PM

पूर्णिया. निजी अस्पतालों में सामान्य से ज्यादा ऑपरेशन से प्रसव हो रहे हैं, जबकि सरकारी में तस्वीर जुदा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्णिया जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में 83 हजार 890 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ है. इसमें से 83 हजार 012 गर्भवती महिलाओं का अस्पताल में सामान्य प्रसव कराया गया है जबकि जटिल स्थिति में रहने वाली 878 गर्भवती महिलाओं का ही सिजेरियन विधि से प्रसव कराया गया है. इसकी तुलना में पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों में इसकी संख्या 03 हजार 899 दर्ज की गयी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी सिर्फ अप्रैल महीना खत्म हुआ है और इसमें पूर्णिया जिले में कुल 05 हजार 593 संस्थागत प्रसव दर्ज हुआ है. इसमें से जीएमसीएच में 49 और एसडीएच धमदाहा में 03 महिलाओं का सिजेरियन प्रसव कराया गया है.

सरकारी अस्पताल में हर सुविधा उपलब्ध :

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार,सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव जटिल गर्भवती महिलाओं का विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों की निगरानी में ही निःशुल्क कराया जाता है. सिजेरियन प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में सभी तकनीकी सुविधा उपलब्ध है जिससे कि गर्भवती महिला और होने वाला बच्चा बिल्कुल स्वास्थ और सुरक्षित रह सकें. अस्पताल में प्रसव व्यवस्था को देखते हुए लोगों का भरोसा भी सरकारी अस्पताल में बढ़ रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा रहे हैं.

सामान्य प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी :

सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए घरवालों को शुरुआत से ही इसका ख्याल रखने की जरूरत है. इसके लिए सभी अस्पतालों में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुविधा उपलब्ध है. इसके साथ-साथ लोगों को बेहतर प्रसव पूर्व जांच के लिए सभी अस्पतालों में माह के दो दिन विशेष जांच व्यवस्था चलाई जाती है जिससे ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिला जांच सुनिश्चित कर सके. इस दौरान जटिल गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका विशेष खयाल रखा जाता है. सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के दौरान उनके और होने वाले बच्चे शारीरिक स्थिति के साथ स्वास्थ्य की भी जानकारी दी जाती है. इस दौरान गर्भवती महिला को ज्यादा चिकित्सकीय सहायता के साथ बेहतर पोषण की भी जानकारी दी जाती है जिससे कि वे स्वस्थ रह सकें और सामान्य प्रसव सुविधा का लाभ उठा सकें.

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