सिर पर झूलते मौत के तार

लापरवाही. जिले में बिजली विभाग के दावे हवा-हवाई िजले के किसी भी इलाके में चले जायें, आपको बांस-बल्ले के सहारे िबजली तार लटका िमल जायेगा. इस कारण कई बार हादसा भी हो चुका है, लेकिन िवभाग का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया. पूर्णिया : शहर में अधिकांश पुराने बिजली पोल पर बेतरतीब तरीके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2017 5:25 AM

लापरवाही. जिले में बिजली विभाग के दावे हवा-हवाई

िजले के किसी भी इलाके में चले जायें, आपको बांस-बल्ले के सहारे िबजली तार लटका िमल जायेगा. इस कारण कई बार हादसा भी हो चुका है, लेकिन िवभाग का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया.
पूर्णिया : शहर में अधिकांश पुराने बिजली पोल पर बेतरतीब तरीके से तार का झुरमुट लगा हुआ है जो किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है. यह नजारा गांव की नहीं, बल्कि शहर के उन रिहायशी इलाके एवं मार्केट एरिया में सर्वाधिक है जहां की आबादी सघन है. इससे जाहिर है कि विद्युत विभाग के पास बिजली दौड़ाने के लिए कारगर और पारदर्शी रणनीति का अभाव है. बिजली पोल से उपभोक्ताओं के घर तक तार पहुंचाने के लिए कनेक्शन के समय प्राक्कलन तैयार किया जाता है
और उसके लिए निश्चित फीस भी उपभोक्ताओं से वसूली जाती है. विभाग अपना काम कर लेती है लेकिन प्राक्कलन के अनुसार कार्य संपन्न नहीं होता है. जिसका खामियाजा अंतत: उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ता है. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक मुहल्लों में आज भी बिजली पोल की जगह बांस के बल्ले पर तार दौड़ रहा है. जबकि विद्युत विभाग द्वारा सूरत बदलने के दावे किये जा रहे हैं. विडंबना यह है कि अब तक पूरे शहर में बिजली के कवर तार नहीं लगाये जा सके हैं. जबकि पिछले दो साल से बिजली के कवर-तार लगाने का कार्यक्रम चल रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं पॉश इलाके व बाजार में भी यही नजारा
यह है परेशानी
लोगों को लगी रहती है अनहोनी की चिंता
अक्सर तार के लोड से होता है पावर डिस्टर्ब
बिजली खराब होने पर अपना तार खोजना होता है मुश्किल
बरसात में अक्सर जम जाता है कार्बन
शहर के वार्ड-7 स्थित ब्रजेश नगर में कई वर्षों से बांस के बल्ले पर बिजली के तार झूल रहे हैं. जबकि यह मुहल्ला बिजली विभाग के बिल्कुल करीब अवस्थित है. करीब दो हजार से अधिक आबादी वाले इस मुहल्ले में बसते हैं. इस मुहल्ले में भी विभाग ने मीटर एवं कनेक्शन मुहैया करा दिया है. इस मुहल्ले की रूबी देवी बताती हैं कि जब-जब गर्मी के मौसम में तेज हवा चलती है तो कलेजा सिहर उठता है. ऐसा लगता है कि तार से निकली चिनगारी पूरे मुहल्ले को राख कर देगी.
पूर्णिया शहर का सबसे अधिक व्यस्ततम बाजार डीलक्स चौक के एक पोल पर एक अजीब झुरमुट बना हुआ है. इस पोल से जुड़े सभी उपभोक्ता परेशान हैं और विभाग को इसे सुलझाने की फुरसत ही नहीं है. उल्टे कोई परेशानी होने पर उपभोक्ताओं को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस पोल के सामने से कवर-तार लगा दिया गया है लेकिन इस पोल के पास ऐसा नहीं है. स्थानीय उपभोक्ता कहते हैं कि उन्हें लगा था कि शहर के अन्य हिस्सों में जिस तरह से तारों के लगाने सिस्टम में सुधार हुआ है उसी प्रकार उसमें भी सुधार होगा, लेकिन इंतजार की घड़ियां लंबी होती जा रही है.
भट्ठा बाजार के कालीबाड़ी-चित्रवाणी रोड पर आदिति इंटरप्राइजेज के सामने भी पोल पर उपभोक्ताओं के तार को इसी तरह उलझा दिया गया है. इसी रोड में थोड़ा आगे बढ़ने पर चित्रवाणी रोड के पास वही नजारा है. चित्रवाणी रोड से भट्ठा बाजार की ओर जाने वाली रोड पर भी तीन जगह पोल पर कुछ ऐसा ही नजर आता है. इससे अक्सर कुछ न कुछ घटनाएं हो रही है लेकिन लोग इसे अब नियति मान चुके हैं. विभाग के पास इसका कोई माकूल जवाब नहीं है.

Next Article

Exit mobile version