पीएमसीएच व सदर अस्पताल के बीच त्रिशंकु बन गया है बीरबल विश्वास

पीएमसीएच का दावा सब कुछ है नॉर्मल, एडमिट लेने से किया इनकार सुधर नहीं रही है कैदी बीरबल विश्वास की तबीयत, सदर पुलिस पर परिजन लगा चुके हैं गंभीर आरोप पूर्णिया : सदर थाना पुलिस की पिटाई से पीड़ित केंद्रीय कारा के कैदी बीरबल विश्वास के स्वास्थ्य में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 22, 2016 6:36 AM

पीएमसीएच का दावा सब कुछ है नॉर्मल, एडमिट लेने से किया इनकार

सुधर नहीं रही है कैदी बीरबल विश्वास की तबीयत, सदर पुलिस पर परिजन लगा चुके हैं गंभीर आरोप
पूर्णिया : सदर थाना पुलिस की पिटाई से पीड़ित केंद्रीय कारा के कैदी बीरबल विश्वास के स्वास्थ्य में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है. वही वह सदर अस्पताल और पीएमसीएच के बीच त्रिशंकु बना हुआ है. 17 नवंबर की रात करीब 11 बजे सदर अस्पताल से दूसरी बार पीएमसीएच रेफर होने के बाद, उसे पीएमसीएच में भर्ती नहीं लिया गया. जिसके बाद 19 नवंबर को दोपहर करीब 02 बजे बीरबल सहित उसके साथ गये परिजन, पुलिस बल व जेल के चिकित्सक डा राजेश पासवान वापस पूर्णिया के लिए प्रस्थान कर गये.
पूर्णिया पहुंचने पर बीरबल को केंद्रीय कारा ले जाया गया. लेकिन 20 नवंबर की सुबह करीब 04 बजे ही उसे सदर अस्पताल में एक बार फिर भर्ती करा दिया गया. उसके साथ गये ससुर राजेश कुमार मंडल व बहनोई सुधीर मंडल का दावा है कि पुराने जांच रिपोर्ट के आधार पर ही पीएमसीएच के डॉक्टरों ने उसे भर्ती लेने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, जेल के चिकित्सक द्वारा जब पूरी समस्या बतायी गयी तो पीएमसीएच के डॉक्टर उन पर ही बिफर गये. परिजनों का यह भी दावा है कि एक दारोगा पूर्णिया से पटना अलग से पहुंचे थे और परिजनों पर केस उठाने का दबाव बनाया जा रहा था.
पटना से आने के बाद तीन बार हुआ है रक्तस्त्राव
परिजनों ने बताया कि 19 नवंबर की दोपहर करीब दो बजे पटना से वापस पूर्णिया के लिए रवाना हुए. रास्ते में एंबुलेंस पर ही बीरबल को दो बार नाक से रक्तस्त्राव हुआ. वहीं 20 नवंबर की सुबह करीब 03:30 बजे जेल में भी अचानक रक्तस्त्राव हुआ. इसके बाद उसे सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां पूर्व से ही गठित चार सदस्यीय मेडिकल टीम द्वारा उसकी निगरानी की जा रही है. सोमवार को भी सिविल सर्जन डा एमएम वसीम स्वयं बीरबल का स्वास्थ्य परीक्षण करते देखे गये.
बीरबल ने बताया कि कभी भी अचानक उसके सीना के बांये हिस्से में दर्द शुरू होता है और फिर नाक से खुन निकलना शुरू हो जाता है. गौरतलब है कि 17 नवंबर को बीरबल की तबीयत बिगड़ने के बाद डीएम पंकज कुमार पाल के निर्देश पर डीडीसी राम शंकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. जिसमें सदर एसडीएम रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह व सिविल सर्जन डा एमएम वसीमा को भी शामिल किया गया था. वही डीडीसी द्वारा इसी आलोक में सिविल सर्जन डा वसीम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है, जिसमें डा वीपी अग्रवाल, डा एनके झा व डा योगेंद्र प्रसाद शामिल हैं.

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