छह लेन की सड़क दो लेन में बदली

सूरत-ए-हाल. शहर की मुख्य सड़कों के िकनारे फिर शुरु हुआ अतिक्रमण का खेल शहर की सड़कों पर फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण से जाम तो लग ही रहा है, शहर भी बदसूरत दिखने लगा है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि प्रशासन अितक्रमण हटाने के नाम खानापूर्ति ही करता है. पूर्णिया. शहर को जाम से मुक्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2017 9:47 AM
सूरत-ए-हाल. शहर की मुख्य सड़कों के िकनारे फिर शुरु हुआ अतिक्रमण का खेल
शहर की सड़कों पर फुटपाथी दुकानदारों के अतिक्रमण से जाम तो लग ही रहा है, शहर भी बदसूरत दिखने लगा है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि प्रशासन अितक्रमण हटाने के नाम खानापूर्ति ही करता है.
पूर्णिया. शहर को जाम से मुक्त कराने की कोशिशें प्रशासनिक स्तर पर होती रही हैं, लेकिन सरकारी उदासीनता व लोगों की मनमानी के कारण समस्या जस की तस बरकरार है. इससे शहर बदसूरत दिखने लगा है और जाम की समस्या बरकरार है. शहर में गुलाबबाग जीरो माइल से फोर्ड कंपनी चौक तक
ठेला से शुरू हुआ, अब चौकी व तंबू भी लगने लगा
अतिक्रमणकारियों का भी अपना एक लक्ष्य और सिस्टम है. अतिक्रमणकारी पहले सड़क किनारे ठेला और चौकी लगा कर कारोबार करते हैं. यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहता है. जैसे ही प्रशासन अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाता है, कारोबारी अपना ठेला व चौकी थोड़ी देर के लिए हटा लेते हैं. प्रशासनिक अधिकारियों के जाते ही फिर ठेला और चौकी पर दुकान सजने लगती है.
प्रशासन द्वारा काफी दिनों तक अभियान नहीं चलाने पर कारोबारी का उस स्थान पर कब्जा हो जाता है और फिर जगह कब्जे में लेकर तंबू गाड़ दिया जाता है और प्रशासन द्वारा पुन: अतिक्रमण हटाने की पहल करने पर यह लोग मानव अधिकार और रोजी-रोटी का मामला उठा कर विरोध प्रदर्शन करने लगते हैं. जब फुटपाथी दुकानदार व प्रशासन के बीच तू-तू-मैं-मैं होने लगती है, तो कुछ लोग मौके का फायदा उठा कर गरीबों का मसीहा बना कर मैदान में कूद पड़ते हैं और प्रशासन भी विरोध के बाद अभियान को ठंडे बस्ते में डाल देता है.
सड़क से लेकर नाला तक का कब्जा : समस्या यह है कि सड़कों पर दुकान सजती हैं और शेष बची सड़क पर लग्जरी वाहनों का कब्जा रहता है. इससे दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है. यहां तक कि बस स्टैंड के आगे विकास बाजार के सामने नाला के ऊपर फुटपाथी दुकान सजाया गया है. नाला का पानी निकास इससे बाधित होता है. यह पता करना मुश्किल हो गया है कि नाला और सड़क कहां है, जबकि बस स्टैंड एरिया में कुछ लोगों ने रोजगार के नाम पर नाला व सड़क पर कब्जा कर रखा है.
कहने के लिए तो सिक्स लेन सड़क बनी है, लेकिन मुश्किल से दो ही लेन बचा हुआ है. बाकी चार लेन सड़क पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. जिला प्रशासन और निगम ने चार माह पूर्व अतिक्रमण हटाओ अभियान चला कर सड़क किनारे बनी झोपड़ी व फुटपाथी दुकानदारों को हटाया था. कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन उसके बाद फिर से अतिक्रमणकारी अपना पैर पसारने लगे. बीच-बीच में प्रशासन ने अभियान भी चलाया, लेकिन अतिक्रमणकारियों के सामने प्रशासन के प्रयास नाकाफी साबित हुए.
कहते हैं फुटपाथी दुकानदार : लाइन बाजार में फुटपाथ पर कपड़ा कारोबार करने वाले रंजीत पासवान बताते हैं कि लाइन बाजार में 10 साल तक चौकी पर दुकान चलाया. अब झोपड़ी डाल ली है. कहा कि कई लोगों ने जमीन पर कब्जा किया है और अन्य फुटपाथी दुकानदारों से मोटी रकम वसूल कर दुकानदारों को जगह मुहैया कराते हैं. यह बात निगम के अधिकारियों को भी पता है, पर मामला फिट रहने से कोई कुछ नहीं कर पाता है.

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