नीतीश कुमार के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को मिला फ्लाइंग लाइसेंस, रोबोटिक्स में भी आजमा रहे हाथ

आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने वाले एस सिद्धार्थ ने सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली है. वे अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए फ्लाइंग की भी ट्रेनिंग ले रहे थे और बुधवार को फाइनली उन्हें फ्लाइंग का लाइसेंस (पायलट लाइसेंस) मिल गया

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2023 4:23 AM

कैलाशपति मिश्र, पटना. एक ऐसा आइएएस अधिकारी जिनका वीडियाे शहर में रिक्शा पर घूमते,चैराहे पर गोलगप्पा खाते और जमीन पर बैठ कर एक बुजुर्ग सब्जी दुकानदार से रात के 10 बजे सब्जी खरीदते हुए वायरल होता है, उनका नाम है डाॅ एस सिद्धार्थ. वित्त विभाग और कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभाते हुए, वे अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए फ्लाइंग की भी ट्रेनिंग ले रहे थे और बुधवार को फाइनली उन्हें फ्लाइंग का लाइसेंस (पायलट लाइसेंस) मिल गया. फ्लाइंग लाइसेंस लेने वाले वे बिहार-झारखंड के इकलौते अधिकारी हैं.

बचपन से फ्लाइंग मेरा पैशन रहा है: सिद्धार्थ

फ्लाइंग का लाइसेंस मिलने के बाद डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि फ्लाइंग बचपन से ही मेरा पैशन रहा है. मैं खिलाैने वाले एयरोप्लेन को लेकर इस आशा से दौड़ता था कि यह उड़ेगा. पायलट लाइसेंस मिलने के बाद मुझे लगा कि सपना साकार हो गया.

रोबोटिक्स में भी हाथ आजमा रहे हैं

सिद्धार्थ आंतरिक नियंत्रण वाला मल्टीपर्पस रोबोट बनाने में लगे हैं. वे बताते हैं कि रोबोट प्रोग्रामिंग के हिसाब से काम करता है और जहां जैसी जरूरत रहती है उसके हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

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आइआइटी दिल्ली से सीएस में पास आउट हैं

आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने वाले एस सिद्धार्थ ने सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली है. उनकी पत्नी डाॅ एन विजयालक्ष्मी भी एक आइएएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर काम कर रही हैं.

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