15 साल में आरक्षण दायरा बढ़ाने से किसने रोका

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के जातीय गणना और आरक्षण में बढ़ोतरी वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में 15 साल तक लालू-राबड़ी का शासन रहा. तेजस्वी यादव का यह राजनीतिक दुर्भाग्य है कि वें अपने माता-पिता की उपलब्धियों पर वोट मांगने के बजाय नीतीश कुमार के काम को गिनाकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश रहें हैं.

By Prabhat Khabar | May 9, 2024 1:40 AM

तेजस्वी के माता-पिता को 15 साल में जातीय गणना कराने से किसने रोका था : उमेश कुशवाहा

15 साल में आरक्षण दायरा बढ़ाने से किसने रोका

संवाददाता,पटना

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के जातीय गणना और आरक्षण में बढ़ोतरी वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में 15 साल तक लालू-राबड़ी का शासन रहा. तेजस्वी यादव का यह राजनीतिक दुर्भाग्य है कि वें अपने माता-पिता की उपलब्धियों पर वोट मांगने के बजाय नीतीश कुमार के काम को गिनाकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश रहें हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तेजस्वी यादव के बड़बोलेपन में अज्ञानता का गहरा प्रभाव दिखाई देता है. यह बात अमिट सत्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से बिहार में जातीय गणना का काम पूरा हुआ. आंकड़ों के आधार पर आरक्षण में बढ़ोतरी की गयी. राजद के शासन में विकास की मुख्यधारा से अलग हो चुके शोषित-वंचित समाज का आरक्षण दायरा बढ़ाकर नीतीश कुमार ने उन्हें ताकत दी. उमेश सिंह कुशवाहा ने पूछा कि 1990 से 2005 तक तेजस्वी यादव के माता-पिता को बिहार में जातीय गणना कराने और आरक्षण दायरा बढ़ाने से किसने रोका था? बिहार की जनता ने जब राजद को 15 साल शासन करने का मौका दिया, तो न उन्हें जातीय गणना की याद आयी और न ही उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ा-अतिपिछड़ा भाइयों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया. राजद के लोग हमारे नेता के काम पर बिना किसी भूमिका के झूठा श्रेय लेने में जुटें हैं. तेजस्वी यादव आरक्षण के हिमायती होने का झूठा दावा करते हैं. अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को दुत्कार कर अपने परिवार के सदस्यों को राजनीति में आगे बढ़ाते हैं. परिवारवादी मानसिकता से ग्रसित लोग कभी आरक्षण के हितैषी नहीं हो सकते हैं और जनता भी इस बात को समझ चुकी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version