मौसमी बुखार का कहर, पटना में एक सप्ताह में 300 बच्चे हुए भर्ती, 32 बच्चों का एनआइसीयू में चल रहा इलाज

बिहार में बच्चों के बीमार पड़ने से स्वास्थ्य महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ है. पटना के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में बीमार बच्चों के भर्ती होने की संख्या बढ़ती ही जा रही है.

By Prabhat Khabar | September 19, 2021 8:17 AM

कोरोना शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इन दिनों बीमार बच्चों की संख्या दिन रोज बढ़ती जा रही है. मौसम में परिवर्तन से बढ़ी ऊमस व गर्मी के साथ ही संक्रामक रोगों ने हमला तेज कर दिया है.

बता दें कि पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स के पीडियाट्रिक वार्ड और आइसीयू फुल हो गये हैं. इन चारों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा दानापुर, बिहटा, मसौढ़ी, पालीगंज व बिहटा अनुमंडलीय अस्पताल में बीते एक सप्ताह में वायरल निमोनिया, तेज बुखार, इनसेफेलाइटिस, फ्लू होने के बाद करीब 300 बच्चों को भर्ती किया गया है.

भर्ती बच्चों में 2 साल से 14 साल उम्र के 140 व बाकी एक साल से कम उम्र के करीब 161 बच्चे हैं. जन्म से एक साल तक के बच्चों का इलाज एनआइसीयू में हो रहा है. पटना के शिशु वार्ड में रोजाना 18 से 20 बच्चे भर्ती किया हो रहे हैं.

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आंकड़ों के अनुसार बीते एक सप्ताह में शहर के पीएमसीएच, एम्स, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच अस्पताल के एनआइसीयू में एक साल व उससे कम उम्र के कुल 161 बच्चों को भर्ती किया गया. करीब 32 बच्चे वायरल निमोनिया, फ्लू से पीड़ित थे. सबसे अधिक 10 बच्चे पीएमसीएच, आठ एनएमसीएच, 2 एम्स व तीन आइजीआइएमएस यानी 32 बच्चे एनआइसीयू में भर्ती हैं. एनएमसीएच में दो दिनों में चार बच्चे निमोनिया पीड़ित भर्ती हुए हैं.

मौसम परिवर्तन का असर है. शुरुआत में डॉक्टर की सलाह लेने से एक सप्ताह में आराम मिल जायेगा.

डॉ एनके अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ, आइजीआइसी

जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता शुरू से ही कमजोर है, वही इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. यह फीवर मौसम के कारण आ रहा है, जो अमूमन हर साल आता है.

डॉ विनय कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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