बिहार के तीन जिलों से गुजरेगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे,इस साल के अंत तक शुरू होगा निर्माण

वाराणसी से कोलकाता वाया रांची एक्सप्रेस-वे का निर्माण इस साल के अंत तक शुरू हो जायेगा. फिलहाल इसे बनाने के लिए अलाइनमेंट तय हो चुका है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. करीब 686 किमी लंबाई में 24 हजार 275 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बिहार के तीन जिलों से गुजरेगा.

By Prabhat Khabar | July 4, 2022 6:31 AM

पटना. वाराणसी से कोलकाता वाया रांची एक्सप्रेस-वे का निर्माण इस साल के अंत तक शुरू हो जायेगा. फिलहाल इसे बनाने के लिए अलाइनमेंट तय हो चुका है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. करीब 686 किमी लंबाई में करीब 24 हजार 275 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे बिहार के तीन जिलों कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद जिलों से होकर गुजरेगा. इससे इन जिलों से कोलकाता तक आवागमन में करीब 50 फीसदी समय की बचत होगी. साथ ही बिहार को उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल से नयी कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे लोगों को काफी सुविधा होगी.

रांची जाने के लिए बनेगी लिंक सड़क

सूत्रों के अनुसार भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत वाराणसी रिंग रोड और एनएच-19 के जंक्शन से शुरू होगी. यह मुगलसराय, भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, शेरघाटी, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, पुरुलिया से हावड़ा के पास उलूबेरिया तक जायेगी. इस अलाइनमेंट में खड़गपुर और रांची जाने के लिए अलग से 85 किमी लंबाई में लिंक सड़क बनेगी.

पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगी यह सड़क

यह पूरी सड़क ग्रीनफील्ड यानी नयी होगी. वर्तमान में देश में 1455.4 किमी एक्सप्रेस-वे हैं. देश में वर्तमान में 50 एक्सप्रेस-वे हैं, जिन पर 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ती हैं. अब इस नये एक्सप्रेस-वे पर भी करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ सकेंगी.

जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय प्रशासन ने दावा-आपत्ति मांगा

सूत्रों के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए दो अलाइनमेंट का प्रस्ताव था. इसमें से कम दूरी सहित अधिक शहरों को संपर्कता प्रदान करने वाले अलाइनमेंट को ही मंजूरी दी गयी है. फिलहाल बिहार के तीन जिलों से गुजरने वाले गांवों में जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय प्रशासन ने दावा-आपत्ति मांगा है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बरसात के तुरंत बाद हल होने की संभावना है. जिला प्रशासन के स्तर पर इससे संबंधित तैयारियां की जा रही हैं .

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