Bihar की Teenage लड़कियां अपने अभिभावकों के खिलाफ हेल्पलाइन में कर रहीं शिकायत दर्ज, जानिए क्या है मामला

Teenage Girl Lifestyle, Problem, Case, Mahila Aayog, Bihar News: कोरोना के इस दौर में जहां एक ओर घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर महिला हेल्पलाइन में टीनएज लड़कियां खुद को अपने परिवार वालों से रेस्क्यू कराने के लिए आवेदन दे रही हैं.

By Prabhat Khabar | November 5, 2020 10:00 AM

पटना (जूही स्मिता) : कोरोना के इस दौर में जहां एक ओर घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर महिला हेल्पलाइन में टीनएज लड़कियां खुद को अपने परिवार वालों से रेस्क्यू कराने के लिए आवेदन दे रही हैं.

उनका कहना है कि उनके अभिभावक उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं और उन्हें उनकी ओर से लगायी गयी बंदिशें पसंद नहीं हैं. हालांकि कुछ मामलों में लगातार काउंसेलिंग के बाद वे अपने घर में रहने को तैयार हो गयी हैं.

अभिभावकों को बच्चों को समझना होगा

पिछले एक महीने में हमने दो टीनएज लड़कियों और एक युवती को उनके घर से उनकी शिकायत करने पर रेस्क्यू किया है. फोन पर हर दिन ऐसे 3-4 मामलों की काउंसेलिंग की जाती है. पहले हेल्पलाइन के जरिये उन युवतियों की मदद की जाती थी, जिन पर घरेलू हिंसा हो रही है और वे वहां से निकलने में असमर्थ हैं.

लेकिन अब कम उम्र की लड़कियां अपने माता-पिता के खिलाफ ही शिकायत कर खुद को अपने ही घर से रेसक्यू करा रही हैं. गार्जियनशिप बढ़ जाने की वजह से ऐसा हो रहा है. वहीं लड़कियों को स्वच्छंद रहना पसंद है. ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों को समझने की जरूरत है. वे उनकी बातों को सुनें और बेहतर कम्युनिकेशन डेवलप करें.

प्रमिला कुमारी, परियोजना प्रबंधक, महिला हेल्पलाइन

पिछले महीने रेस्क्यू कराने के लिए एक मामला राष्ट्रीय महिला आयोग से भेजा गया था और कुछ मामले महिला हेल्पलाइन में भी आये थे. काउंसेलिंग से उनकी समस्या का समाधान कर परिवार के साथ ही रहने की सलाह दी गयी है. ज्यादातर मामलों में लड़कियां अपनी मर्जी का करना चाहती हैं, जिस पर अभिभावक की रोक से वे ऐसा कदम उठा लेती हैं.

साधना सिंह, काउंसेलर, महिला हेल्पलाइन

केस 1 : कंकड़बाग की रहने वाली मानसी (काल्पनिक नाम) ने महिला हेल्पलाइन में यह शिकायत कर खुद को रेस्क्यू करवाया कि उनके अभिभावक उसे बाहर पढ़ने नहीं देना चाहते हैं. लगातार अभिभावक और लड़की की काउंसेलिंग की गयी जिसके बाद पिता ने अपनी बेटी का नामांकन यहीं के कॉलेज में करा दिया है और सभी साथ रह रहे हैं.

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केस 2 : दीघा की रहने वाली कविता (काल्पनिक नाम) ने राष्ट्रीय महिला आयोग में यह आवेदन दिया कि वह बाहर जॉब करती हैं और कोरोना की वजह से घर आयी हुई हैं. अब जब वे वापस जाना चाहती हैं, तो उसके पिता जबरदस्ती उसे घर में रख रहे हैं. जब महिला हेल्पलाइन में यह मामला आया, तो युवती और उसके पिता की बातों को सुना गया. फिर लगातार काउंसेलिंग करने के बाद आपसी सहमति से युवती घर वापस लौटी.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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