Sawan Somwar: सावन की दूसरी सोमवारी कल, बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए उमड़ें शिव भक्त

Sawan Somwar: रामरेखाघाट से जल भरने के बाद हर कावंरिये का कदम मीनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध ब्रह्मपुर स्थित बरमेश्वर भगवान की तरफ रवाना हुआ. इसके साथ ही पड़ोस के रोहतास व कैमूर के कांवरिये भी गंगा जल के लिए बक्सर पहुंचे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2022 9:36 PM

बक्सर. सावन माह में प्रत्येक सोमवार को आस्था की नगरी ब्रह्मपुर में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ को जलाभिषेक करने के लिए रविवार दोपहर के बाद से ही श्रद्धालुओं का जत्था गेरुआ रंग के वस्त्र में जल लेकर पहुंच गये हैं. साथ ही हर सड़क बोल बम के नारे से गूंज रहा है. बक्सर के रामरेखा घाट से गंगाजल लेकर शिवालयों में अभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की कथा में मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की तरफ आते है. कांवरियां रूपी श्रद्धालुओं में बच्चा, युवा, महिला एवं युवती शामिल होती है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु सोमवार की शाम से ही आना शुरू कर देते है. जिस कारण बोल बम के नारे की जयघोष से पूरा ब्रह्मपुर नगरी गूंजायमान हो जाता है.

शिवालयों में जलाभिषेक के लिए गंगा घाटों पर उमड़ी कावंरियों की भीड़

रामरेखाघाट से जल भरने के बाद हर कावंरिये का कदम मीनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध ब्रह्मपुर स्थित बरमेश्वर भगवान की तरफ रवाना हुआ. इसके साथ ही पड़ोस के रोहतास व कैमूर के कांवरिये भी गंगा जल के लिए बक्सर पहुंचे. जहां से जल लेकर अपने शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए रवाना हुए. कांवरियां रूपी श्रद्धालुओं में बच्चा, युवा, महिलाएं एवं युवतियां शामिल रहे. हजारों की संख्या में श्रद्धालु बक्सर से जल भरने के बाद पूजा अर्चन को लेकर 35 किलोमीटर दूर ब्रह्मेश्वर भगवान का जलाभिषेक करने के लिए रवाना हुए. इसके साथ ही गुप्ता धाम के लिए भी जिले के शिव भक्त गंगाजल लेकर रवाना हुए.

ब्रह्मेश्वर भगवान का जलाभिषेक करने श्रद्धालु

वही बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ नगरी में कांवरियां लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को समाजसेवियों के माध्यम से सेवा केंद्र बनाया गया है. जहां कांवरियों को गर्म पानी, चाय, पेयजल की व्यवस्था की गयी है. वहीं रात्रि से ही ब्रह्मपुर धाम के हर चौक चौराहे पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जाती है. जिसमें शिवालयों में किसी प्रकार की अव्यवस्था कायम नहीं हो सके. स्थानीय समाजसेवी सुजीत पांडे, विजय चौबे सहित अन्य समाजसेवियों ने बताया कि बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का कपाट सुबह 3:00 बजे खुलता है. उसके पहले जीतने श्रद्धालु ब्रह्मपुर पहुंचते है. उनको जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा बैठने का इंतजाम, चाय का इंतजाम गर्म पानी और शरबत का इंतजाम स्थानीय समाजसेवी करते है.

Next Article

Exit mobile version