Bihar News: पटना नगर निगम के चुनाव में बड़ा उलटफेर, मेयर गुट की रजनी देवी बनीं उपमहापौर

Patna Municipal Corporation: पटना वार्ड 22 सी के पार्षद रजनी देवी को चुनाव में कुल 43 मत मिले. बताया जा रहा है कि कुल 59 पार्षदों ने मतदान किया है. वहीं तीन पार्षदों के समय से नहीं पहुंच पाने की वजह से मतदान करने से रोक दिया गया. पटना नगर निगम में कुल 74 पार्षद हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2021 4:50 PM

पटना नगर निगम में डिप्टी मेयर के चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है. रजनी देवी नगर निगम की उपमहापौर चुनी गई हैं. डीएम चंद्रशेखर सिंह की देखरेख में हुए इस चुनाव में रजनी देवी ने पार्षद सुचित्रा सिंह को हराकर डिप्टी मेयर के पद पर काबिज हुई है. बता दें कि लंबे इंतजार के बाद आज डिप्टी मेयर पद का चुनाव कराया गया.

जानकारी के मुताबिक पटना वार्ड 22 सी के पार्षद रजनी देवी को चुनाव में कुल 43 मत मिले. बताया जा रहा है कि कुल 59 पार्षदों ने मतदान किया है. वहीं तीन पार्षदों के समय से नहीं पहुंच पाने की वजह से मतदान करने से रोक दिया गया. पटना नगर निगम में कुल 74 पार्षद हैं.

इससे पहले बुधवार को डिप्टी मेयर पद के लिए सर्वसम्मत से रजनी देवी का नाम आने के बावजूद चुनाव में 22बी की पार्षद व सशक्त स्थायी समिति की सदस्य सुचित्रा सिंह टक्कर देगी. उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

पार्षद प्रतिनिधि ने बताया कि मेयर ने सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों को विश्वास में नहीं लेकर एकतरफा निर्णय लिया है. रजनी देवी को मेयर गुट का नहीं होने के बावजूद उम्मीदवार बनाया. हमलोग चाहते थे कि भाजपा समर्थित डिप्टी मेयर बने. एक सवाल के जवाब में कहा कि बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया. इस वजह से वे शामिल नहीं हुई. थोपे गये निर्णय को वे स्वीकार नहीं करती हैं.

दो साल पहले भी हुआ था खेला- दो साल पहले 2019 में मेयर गुट से आशीष कुमार सिन्हा के नाम पर मुहर लगी थी. विपक्षी गुट की ओर से भी सहमति जतायी गयी. चुनाव के ऐन मौके पर विपक्ष की ओर से मीरा देवी को उम्मीदवार बनाया गया था. बाद में वोटिंग हुई. दोनों उम्मीदवार को 37-37 वोट पड़े. बराबर वोट मिलने के बाद लॉटरी से विपक्ष की उम्मीदवार मीरा देवी जीती थी.

बता दें कि पिछले दिनों मेयर के खिलाफ लगातार बगावती रुख अख्तियार करने वाले तत्कालीन डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसके बाद मीरा देवी को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

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