पटना हाइकोर्ट में मुकदमा हारने के बाद नेहरू सरकार ने संविधान में किया था पहला बदलाव, जानें क्या था मामला

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कॉन्स्टिट्यूशन फर्स्ट अमेंडमेंट एक्ट, 1951 को संसद में पेश किया. इस दौरान संविधान के अनुच्छेद 31 में प्रोविजन (क) और (ख) जोड़ा गया और 18 जून 1951 को संविधान में पहला संशोधन किया.

By Ashish Jha | January 26, 2023 5:44 PM

पटना. आजाद भारत के लिए बनाया गया संविधान अधिक दिनों तक अटल नहीं रहा. भारत में संविधान लागू होने के महज कुछ माह बाद ही इसमें परिवर्तनों की आवश्यकता जता दी गयी. भारतीय संविधान में पहली बार 1951 में संशोधन किया गया. इसे प्रथम संविधान संशोधन एक्ट 1951 के नाम से जाना गया. इसे संसद में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 10 मई 1951 को पेश किया. इसे 18 जून 1951 को संसद में पास कर दिया गया. संविधान के पहले संशोधन के तहत मौलिक अधिकारों में कुछ परिवर्तन किये गये और भाषण तथा अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार आम आदमी को दिया गया.

पटना HC का क्या था फैसला

पटना हाईकोर्ट ने फरवरी, 1951 में दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह बनाम बिहार सरकार के केस में बिहार भूमि सुधार कानून को असंवैधानिक घोषित किया था. इस फैसले में जमींदारों की जमीन राज्य में शामिल किए जाने को भूमि मालिकों के मौलिक अधिकार का हनन माना गया. नतीजा ये हुआ कि भूमि सुधार कानून प्रभावहीन हो गये. तत्कालीन बिहार सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. माना जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट में भी बिहार सरकार यह मुकदमा हार जायेगी.

सुनवाई से पहले हुआ पहला संविधान संशोधन

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनेवाली थी. केंद्र सरकार के वकीलों ने सरकार को बताया कि पटना हाईकोर्ट का फैसला सही है और सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में दरभंगा महाराजा के पक्ष में ही फैसला देगी. ऐसे में एक ही विकल्प है कि संविधान में संशोधन कर दिया जाये. वकीलों का कहना था कि जब तक भूमि सुधार प्रक्रियाओं को अहम मानते हुए उन्हें मौलिक अधिकारों के विशेष प्रावधान के दायरे से बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक पटना हाईकोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है.

पेश होने के आठ दिनों बाद संसद से हो गया पास 

इसी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कॉन्स्टिट्यूशन फर्स्ट अमेंडमेंट एक्ट, 1951 को संसद में पेश किया. इस दौरान संविधान के अनुच्छेद 31 में प्रोविजन (क) और (ख) जोड़ा गया और 18 जून 1951 को संविधान में पहला संशोधन किया. इसी संशोधन में 9वीं अनुसूची भी डाली गयी, जिसके तहत भूमि सुधार कानून को प्राथमिकता दी गई.

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