पंचतत्व में विलीन हो गये नंदकिशोर नवल

हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक नंदकिशोर नवल बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. उनका अंतिम संस्कार गुलबीघाट पर किया गया. लगभग 50 लोगों की उपस्थिति में उनके पुत्र चिंतन भारद्वाज ने अंतिम संस्कार संपन्न किया. करीब साढ़े आठ बजे सुबह राजप्रिया अपार्टमेंट, बुद्धा कॉलोनी से उनकी अर्थी गुलबीघाट विद्युत शवदाह गृह के लिए निकली.

By Prabhat Khabar | May 13, 2020 11:57 PM

पटना: हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक नंदकिशोर नवल बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गये. उनका अंतिम संस्कार गुलबीघाट पर किया गया. लगभग 50 लोगों की उपस्थिति में उनके पुत्र चिंतन भारद्वाज ने अंतिम संस्कार संपन्न किया. करीब साढ़े आठ बजे सुबह राजप्रिया अपार्टमेंट, बुद्धा कॉलोनी से उनकी अर्थी गुलबीघाट विद्युत शवदाह गृह के लिए निकली. घाट पर 10 बजे के करीब पहुंचे.

चिंतन ने कहा कि शमशान जाने के दौरान बीच में दरभंगा हाउस के हिंदी विभाग में उनकी इच्छा के अनुरूप उनकी अर्थी लगभग 50 मिनट तक रखी गयी. 12 बजे अंतिम संस्कार पूरा हुआ. उसके बाद उनकी अस्थियों को वहीं गंगा में प्रवाहित कर दिया गया. मंगलवार की रात उनका निधन हो गया था. अंतिम संस्कार के समय प्रो पद्म कुमार, संजय शांडिल्य, संजय पांडेय, पंडित विनय कुमार, प्रो योगेश प्रताप शेखर, सत्येंद्र सिन्हा, जावेद अख्तर खान, परवेज अख्तर, अवधेश प्रीत, श्रीधर करुणानिधि, रुपेश आदि लोग भी उपस्थित रहे.

घर से घाट तक प्रो नवल की अंतिम यात्रा बहुत ही सादगी, शांति और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो गयी. चिंतन ने कहा कि पिता जी की इच्छा के अनुसार आर्यसमाज विधि के अनुसार तीन दिनों में श्राद्ध कर्म पूरा किया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डॉ नंदकिशोर नवल के निधन से हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिरशांति व उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है.

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