भोजपुर में तेजी से बढ़ रहे मिजिल्स के मामले, अब तक दर्जनों बच्चे आक्रांत, जायजा लेने पहुंचे WHO के अधिकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के रीजनल टीम लीडर डॉ उज्ज्वल प्रसाद सिन्हा, एसएमओ डॉ आशीष कुमार तथा सिविल सर्जन नगरी महादलित टोला के लोगों के बीच पहुंचकर स्थिति का जायजा लिये तथा संक्रमित बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2023 2:23 AM

भोजपुर जिले के चरपोखरी प्रखंड अंतर्गत नगरी महादलित टोला में मिजिल्स आउटब्रेक नामक बीमारी अपना तेजी से पांव पसार रही है. इसके चपेट में अबतक दर्जनों बच्चे आ चुके हैं, जिसमें सात संक्रमित बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है तथा अन्य का इलाज स्थानीय स्तर पर चल रहा है.

जायजा लेने पहुंचे WHO के अधिकारी

इस बीमारी के रोकथाम के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के कई अधिकारी पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के रीजनल टीम लीडर डॉ उज्ज्वल प्रसाद सिन्हा, एसएमओ डॉ आशीष कुमार तथा सिविल सर्जन नगरी महादलित टोला के लोगों के बीच पहुंचकर स्थिति का जायजा लिये तथा संक्रमित बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजे.

बीमारी के रोकथाम के लिए तैनात किए गए स्वास्थ्यकर्मी

बता दे संक्रमित बच्चों की देखभाल व बीमारी के फैलने से रोकने के लिए दो डॉक्टर, पांच एएनएम और एक जीएनएम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है, जो दिन-रात कैंप किये हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों की मानें तो यह बीमारी खसरा का टीका नहीं लेने के कारण फैली हुई है. एक तरफ से यह चिकन पॉक्स की तरह दिखने वाली बीमारी है.

समय पर इलाज नहीं कराना हो सकता है जानलेवा साबित

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरीय अधिकारियों से बातचीत करने के दौरान जानकारी मिली कि मिजिल्स आउटब्रेक बीमारी को अगर कुछ दिनों तक नजरअंदाज करते रहे, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए इस बीमारी का समय पर इलाज करा कर मेडिसिन लेना बेहद जरूरी है.

Also Read: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक आज, कई नये यूजी व पीजी कोर्स को मिलेगी अनुमति

गांव में माता दाई नाम से प्रचलित है यह बीमारी

कई ऐसी बीमारियां होती हैं, जिसे ना तो घरवाले समझ पाते हैं और ना ही उसका उचित जगह पर इलाज करा पाते हैं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो जाती है. ठीक इसी तरह नगरी महादलित बस्ती के लोगों के बीच हुई, जहां पिछले दो सप्ताह से ढाई से तीन साल के बच्चे मिजिल्स नामक बीमारी से आक्रांत हो रहे हैं, लेकिन परिजन उसे गांव के आम बोलचाल की भाषा में माता दाई के नाम पर झाड़-फूंक तथा पूजा पाठ में लगे हुए थे, जिसके कारण बच्चों की हालत बिगड़ती चली गयी. इसके पूर्व दो बच्चों की मौत का भी कारण यही बताया जा रहा है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

https://www.youtube.com/watch?v=qpvbe2KPgZo

Next Article

Exit mobile version