मार्कफेड का होगा गठन, इससे सब्जियों, मधु, मखाना व मछली की होगी खरीद
सहकारिता विभाग बिहार में मार्केट फेडरेशन मार्कफेड का गठन करेगा. इसके माध्यम से बिहार में सब्जियों, मखाना, मधु व मछली की खरीदारी होगी.
राज्य में मार्केट फेडरेशन का गठन कर छोटे-छोटे संग्रहण केंद्रों पर उत्पादों का होगा संग्रहण
उत्पादों को रेफ्रीजरेटेड वाहनों से दूसरे राज्यों में बिक्री के लिए भेजा जायेगा
मनोज कुमार, पटना
सहकारिता विभाग बिहार में मार्केट फेडरेशन मार्कफेड का गठन करेगा. इसके माध्यम से बिहार में सब्जियों, मखाना, मधु व मछली की खरीदारी होगी. फेडरेशन इन उत्पादों को दूसरे राज्यों के मार्केट में बिक्री के लिए उतारेगा. जिस तरह से सुधा दूध के विभिन्न जगहों पर संग्रहण केंद्र बने हैं, उसी तरह इन उत्पादों के भी संग्रहण केंद्र बनाये जायेंगे. उत्पादों को इन केंद्रों पर संग्रहण किया जायेगा. फिर रेफ्रीजरेटेड वाहनों से फेडरेशन इन उत्पादों को राज्य के बाहर भेजेगा. इससे सब्जियों, मखाना, मधु व मछली का दाम ठीक मिल पायेगा. इन उत्पादों की बर्बादी भी नहीं होगी. किसानों व मत्स्यपालकों को उनके उत्पादों का ठीक दाम मिल पायेगा. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद इस पर तेजी से काम होगा. प्रारंभिक तैयारी शुरू हो गयी है.वेजफेड के बाद मार्कफेड दूसरा फेडरेशन होगा
राज्य सरकार की गाइडलाइन और निर्देशों पर चलने वाला अभी एक ही फेडरेश वेजफेड है. वेजफेड अभी हाल ही में सक्रिय किया गया है. अब मार्कफेड का गठन किया जा रहा है. अधिकारियों को इसका बायलॉज बनाने का निर्देश दे दिया गया है. दरअसल, एक राज्य से दूसरे राज्य मेंफेडरेशन का गठन होने के बाद वे
फेडरेशन मल्टी स्टेटफेडरेशन हो जाते हैं. ऐसे फेडरेशनों पर केंद्र सरकार का बायलॉज लागू हो जाता है.
फेडरेशन को चुनाव से दूर रखा जायेगा
मार्कफेड की संरचना का खाका तैयार किया जा रहा है. प्रारंभिक तौर पर मार्कफेड को विभाग अपने अधिकार में रखेगा. विभाग के प्रधान सचिव या अपर मुख्य सचिव इसके अध्यक्ष होंगे. फेडरेशन को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जायेगा. चुनाव के बाद खींचतान होने की संभावना बनी रहती है. इस कारण इससे दूरी बनाने का प्रस्ताव है. विभिन्न प्रमंडलों या जिला स्तर पर संघों का गठन कर इसका संचालन करने की तैयारी है.
मखाना, मधु में अव्वल है बिहार, सब्जी की भी बंपर खेती
मछली उत्पादन में बिहार चौथे नंबर पर है. मखाना में देश भर में नंबर वन है. मधु उत्पादन में तकनीकी रूप से एक नंबर पर नहीं है. मगर, प्रोसेसिंग यहां नहीं होने से दूसरे राज्यों में इसकी सप्लाइ हो जाती है. उद्यान निदेशालय मधु उत्पादन में भी बिहार को पहले स्थान पर मानता है. सब्जी की की खेती भी 179.5 लाख टन पार है. नयी व्यवस्था से इन उत्पादों के किसानों को आर्थिक स्थिति सुधरेगी.B
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