बिहार में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने की तैयारी, कोसी और गंडक परियोजनाओं को किया जाएगा बेहतर

बिहार में बाढ़ खत्म होने के बाद दोनों नदी कोसी और गंडक में जल स्तर और इनसे निकलने वाली नहरों के बेहतर प्रबंधन से संभावित सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम किया जायेगा. इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद बिहार में सिंचाई सुविधा बढ़ जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2022 12:43 AM

बिहार में कोसी और गंडक परियोजनाओं को बेहतर कर बाढ़ से बचाव और सिंचाई सुविधाओं का विकास कर फसलों के उत्पादन में अधिक योगदान की तैयारी की जा रही है. यह दोनों नदियां नेपाल से बिहार में आती हैं, इसलिए इसे लेकर अप्रैल 2022 में भारत-नेपाल संयुक्त समिति की बैठक में आधा दर्जन से अधिक मुद्दों पर सहमति बनी.

इस साल बाढ़ के दौरान नदियों के जल स्तर और उनके प्रवाह सहित प्रभावित इलाके की स्थिति का अध्ययन किया गया. अब बाढ़ खत्म होने के बाद दोनों नदियों में जल स्तर और इनसे निकलने वाली नहरों के बेहतर प्रबंधन से संभावित सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम किया जायेगा.

सूत्रों के अनुसार 2022 में बाढ़ के पहले नेपाल के हिस्से में पड़ने वाली कोसी और गंडक नदी में 33 परियोजनाओं पर काम किया गया. इसके लिए केंद्रीय प्रतिपूर्ति की राशि के तहत 101.48 करोड़ की लागत आयी थी. वहीं, कोसी नदी से राज्य में दो नहरें निकली हैं- पूर्वी कोसी नहर और पश्चिमी कोसी नहर. इन दोनों नहरों से करीब आठ लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की व्यवस्था का अनुमान था.

इस परियोजना में पूर्वी कोसी नहर से मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, अररिया जिले में करीब पांच लाख हेक्टेयर और पश्चिमी कोसी नहर से दरभंगा, मधुबनी और मधुबनी जिले में करीब तीन लाख हेक्टेयर में सिंचाई शामिल हैं. इसमें से फिलहाल पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की मरम्मत की जा रही है, इसे मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है.

वहीं वाल्मीकि नगर में बनाये गये गंडक बराज से पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले में सिंचाई हाेती है. साथ ही जलविद्युत का भी निर्माण होता है. जल संसाधन विभाग ने 2022-23 में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर में अतिरिक्त करीब 295 करोड़ की लागत से करीब 35 हजार हेक्टेयर इलाके में सिंचाई क्षमता सृजन का लक्ष्य रखा है.

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