बिहार में जाति जनगणना पर रोक के बाद नीतीश सरकार ने फिर खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, इस बार की है ये मांग…

बिहार में जाति गणना पर हाइकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नीतीश सरकार फिर से हाईकोर्ट की शरण में है. सरकार की ओर से याचिका दायर की गयी है और सुनवाई के लिए निर्धारित तिथि में बदलाव व अन्य बातों का जिक्र किया गया है...

By Prabhat Khabar Print Desk | May 6, 2023 10:07 AM

Caste Census Bihar: बिहार में जाति गणना पर हाइकोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश पारित कर लगायी गयी रोक के मामले में राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट (Patna High court)में याचिका दायर की है. शुक्रवार को दायर की याचिका में हाइकोर्ट से यह अनुरोध किया गया है कि अदालत इस मामले (bihar jati janganana) की सुनवाई तीन जुलाई के पहले कोई भी तिथि निर्धारित कर पूरी कर ले.

आदेश अंतरिम नहीं, बल्कि अंतिम आदेश लग रहा- याचिका में जिक्र

याचिका में कहा गया है कि हाइकोर्ट द्वारा दिये गये अंतरिम फैसले को देखने से ऐसा लगता है कि यह आदेश अंतरिम नहीं, बल्कि अंतिम आदेश है. इसलिए इस मामले में हाइकोर्ट को जो भी निर्णय देना है, वह सुनवाई पूरी कर जल्द सेजल्द दे दे. राज्य सरकार द्वारा दायर इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है.

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जातीय सर्वे को तुरंत बंद करने का निर्देश

मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे जाति गणना पर गुरुवार को अंतरिम रोक लगा दी थी. खंडपीठ नेजाति गणना को चुनौती देनेवाली कई लोकहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई पूरी कर बुधवार को अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था और गुरुवार को इस मामले में अपना अंतरिम आदेश पारित किया. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सरकार द्वारा कराये जा रहे हैं जातीय सर्वे को तुरंत बंद करने का निर्देश देते हुए कहा था कि हाइकोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका के अंतिम निष्पादन होने तक राज्य सरकार एकत्रित किये गये डाटा को किसी के साथ साझा नही करेगी.

तीन जुलाई को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि तीन जुलाई तय की है. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि जाति आधारित सर्वे एक प्रकार का जनगणना है और जनगणना करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास ही है. राज्य सरकार के पास किसी भी प्रकार की जनगणना या गणना करने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार जाति आधारित सर्वे भी नहीं करा सकती है क्योंकि यह एक प्रकार का जनगणना ही है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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