जहरीली हवा की रैंकिंग में पटना देश के अंदर तीसरे स्थान पर, मुजफ्फरपुर बना नंबर वन

बिहार के कई शहरों में लगातार जहरीली हवा का स्तर बढ़ रहा है. मुजफ्फरपुर जहरीली हवा की रैंकिंग में टॉप पर है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2020 8:00 AM

पटना : देश के अंदर जहरीली हवा की रैंकिंग में पटना तीसरे नंबर पर जा पहुंचा है. हालांकि सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है कि बिहार के कई शहरों में लगातार जहरीली हवा का स्तर बढ़ रहा है. मुजफ्फरपुर जहरीली हवा की रैंकिंग में टॉप पर है.

मुजफ्फरपुर का एक्यूआई लेवल 287 है, जबकि दूसरे नंबर पर मानेसर और तीसरे नंबर पर 251 के साथ पटना है. दिल्ली का एक्यूआई लेवल 212 दर्ज किया गया है. दीपावली के बाद सही पटना में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है.

पटना देश के कुल 116 शहरों में तीसरे स्थान पर है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल के मुताबिक के अगर किसी भी शहर का एक्यूआई लेवल 201 से अधिक है तो वहां की हवा खराब है. खराब हवा का असर वहां रहने वाले लोगों की सेहत पर पड़ता है.

दीपावली की रात शहर की हवा बेहद प्रदूषित रही और पीएम 2.5 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के खतरे की सीमा को भी पार कर गया. राजवंशीनगर के इको पार्क मॉनीटरिंग स्टेशन पर तो यह 503 तक दर्ज किया गया.

पीएम 10 भी पूरे मुख्य शहर में खतरनाक स्तर से ऊपर रहा और गांधी मैदान के समीप स्थित एसके मेमोरियल मॉनीटरिंग स्टेशन पर यह 528 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक दर्ज किया गया.

पटाखों से प्रदूषण फैलने के कारण दीपावली में सामान्य दिनों की तुलना में हवा का अधिक प्रदूषित होना सामान्य बात है, लेकिन इस बार एनजीटी ने पटना सहित देश के कई प्रदूषित शहरों में पटाखों पर रोक लगायी थी. इसके बावजूद पटना की कई जगहों पर पिछले दो-तीन वर्षों से अधिक वायु और ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया.

बढ़ने के बाद भी खतरनाक स्तर से कम रहा एसओ2

पटाखों के असर से एसओ2 के सांद्रता में भी कहीं-कहीं वृद्धि हुई, लेकिन इस वृद्धि के बावजूद इसका स्तर निर्धारित मानक 80 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से कम होने के कारण खतरनाक नहीं रही.

बोरिंग रोड चौराहा और तारामंडल में अधिक रही एनओ2

एनओ2 की मात्रा में भी पटाखा फूटने से सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादातर जगह अधिक वृद्धि नहीं हुई. बोरिंग रोड चौराहा और तारामंडल में यह अधिक रही, लेकिन अन्य जगहों पर यह 80 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के खतरनाक स्तर से नीचे रही. बोरिंग रोड चौराहा और तारामंडल में यह सामान्य दिनों में भी अधिक रहती है.

Posted by Ashish Jha

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