15 दिनों में आइजीआइएमएस के 10 डॉक्टर आ चुके हैं डेंगू की चपेट में, अस्पताल प्रशासन परेशान

Dengue panic now after Corona in Patna : हर दूसरे-तीसरे दिन कोई न कोई डॉक्टर डेंगू से पीड़ित हो रहा है. इससे डॉक्टरों में दहशत है.

By Prabhat Khabar | October 11, 2020 9:00 AM

पटना : आइजीआइएमएस के डॉक्टर इन दिनों परेशान हैं. कोरोना के खतरे में भी मरीजों का इलाज कर अपना फर्ज निभा रहे इन डॉक्टरों की परेशानी का नया कारण डेंगू है. एक के बाद एक डॉक्टर डेंगू की चपेट में आते जा रहे हैं. पिछले 15 दिनों में ही यहां के 10 डॉक्टर डेंगू की चपेट में आ चुके हैं.

इनमें से पांच के परिवार के सदस्य भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. हर दूसरे-तीसरे दिन कोई न कोई डॉक्टर डेंगू से पीड़ित हो रहा है. इससे डॉक्टरों में दहशत है. स्थिति यह है कि वे कोरोना से भी ज्यादा डेंगू से डर रहे हैं. सबसे ज्यादा डेंगू का प्रकोप आइजीआइएमएस रेसिडेंसियल एरिया में रहने वाले डॉक्टरों और उनकी फैमिली में है.

यहां पर एक ही जगह पर रहने वाले पांच डॉक्टरों और उनकी फैमिली डेंगू की चपेट में आ चुकी है. डेंगू से पीड़ित होने वाले डॉक्टरों में नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी और प्रसिद्ध किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ ओम कुमार, डीन डॉ राघवेंद्र आदि शामिल हैं. इन नामचीन डॉक्टरों को डेंगू होने से कई दिनों तक मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है.

दूसरी ओर शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके बावजूद शहर में फाॅगिंग नियमित नहीं हो रही है. फाॅगिंग के लिए रोस्टर बनाया गया है. इसके बावजूद वार्डों में गली-मुहल्लों में फॉगिंग नहीं की जा रही है. हालांकि वीआइपी इलाके में फॉगिंग नियमित रूप से होती है.

निगम की ओर से सभी 75 वार्डों में हैंड फॉगिंग मशीनें उपलब्ध करायी गयी हैं. फिर भी वार्डों के गली-मुहल्लों में प्रत्येक दिन फॉगिंग नहीं होती है. इसके अलावा सभी अंचलों में तीन से चार ऑटो फॉगिंग मशीनें हैं. हालांकि इनमें कुछ मशीनें गड़बड़ी के कारण काम नहीं करती हैं. जानकारों के अनुसार सभी वार्डों में नियमित रूप से फॉगिंग करनी है.

इसके लिए सभी अंचलों में कार्यपालक पदाधिकारी की देखरेख में रोस्टर तैयार किया जाता है. केवल कागजों पर ही रोस्टर तैयार होता है, रोस्टर के अनुसार फॉगिंग नहीं करायी जा रही है. निगम के अधिकारी ने बताया कि वार्डों में हैंड मशीन से छिड़काव कराया जाता है. वहीं, ऑटो फॉगिंग मशीन से रोस्टर के अनुसार फॉगिंग होती है. अंचलों में कार्यपालक पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है.

Posted by Ashish Jha

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