Bihar Vidhan Sabha Election 2020: लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया ने बिहार की इस पुरानी पंरपरा को बनाया अपना राजनीतिक हथियार, जारी है इमोशनल कैंपेन

Bihar Vidhan Sabha Election 2020: बिहार चुनाव में अचानक एंट्री कर सुर्खियां बटोरने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Choudhary) अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए हर कोशिश कर रही है

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2020 6:02 PM

Bihar Vidhan Sabha Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं. सभी राजनीतिक पार्टी मातदाताओं को साधने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में बिहार चुनाव में अचानक एंट्री कर सुर्खियां बटोरने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Choudhary) अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए हर कोशिश कर रही है. ‘प्लूरल्स पार्टी’ की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चौधरी चुनाव प्रचार के लिये बिहार की एक खास परंपरा के जरिये वोटोरों को अपने पार्टी से जोड़ने की कोशिस कर रही हैं.

लंदन स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार खासकर मिथिलांचल की इस खास परंपरा को अपना राजनीतिक हथियार बनाया है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने चुनाव प्रचार के लिये बिहार की ‘खोंयछा’ परंपरा के जरिये मतदाताओं को अपने पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रही है. आपको बता दें कि वहा हर परिवार से कपड़े का एक छोटा टुकड़ा, एक मुठ्ठी अनाज और एक रूपया मांग रही हैं और उन्होंने अपने इस अभियान का नाम ‘बिहार का खोंयछा’ रखा है. पुष्पम प्रिया चौधरी लगातार अपने ‘खोंयछा’ अभियान से मतदाताओं (खासकर महिलाओं) के बीच पहुंच रही हैं

Also Read: Bihar Assembly Election 2020: JDU में बागी नेताओं पर कार्रवाई, विधायक और पूर्व मंत्री समेत 15 को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

बिहार के चुनावी समर में उतरी पुष्पम प्रिया चौधरी ने यह दावा किया है कि बिहार की मुख्यमंत्री बनने पर अगले 10 वर्षों में प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनायेंगी. मुताबिक 2030 तक बिहार की आर्थिक विकास दर में 300 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि पुष्पम बिहार के जदयू नेता रहे और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की पुत्री हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी प्लूरल्स पार्टी ने प्रथम चरण में 35 उम्मीदवार उतारे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए फेसबुक पेज को उन्होंने नाम दिया है, लेट्स ओपन बिहार : थर्टी ईयर्स आफ लॉकडाउन.

Next Article

Exit mobile version