कृषि आधारभूत संरचना कोष से बिहार के लिए 3,980 करोड़ का प्रावधान : सुशील मोदी

पटना : बिहार कृषि विवि, सबौर के प्रशासनिक एवं अन्य भवनों के उद्घाटन के मौके पर वर्चुअल आयोजन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री द्वारा घोषित एक लाख करोड़ के ‘कृषि आधारभूत संरचना कोष’ से बिहार के लिए 3,980 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इससे बिहार के पैक्सों को मात्र 1 प्रतिशत ब्याज पर गोदाम, कोल्ड स्टोरोज व कोल्ड चेन आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. अभी तक चयनित 32 पैक्सों के लिए 71 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इस कोष से कृषि उद्यमियों सहित अन्य के लिए भी अधिकतम दो करोड़ तक ऋण देने का प्रावधान है जिन्हें प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2020 7:26 PM

पटना : बिहार कृषि विवि, सबौर के प्रशासनिक एवं अन्य भवनों के उद्घाटन के मौके पर वर्चुअल आयोजन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री द्वारा घोषित एक लाख करोड़ के ‘कृषि आधारभूत संरचना कोष’ से बिहार के लिए 3,980 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इससे बिहार के पैक्सों को मात्र 1 प्रतिशत ब्याज पर गोदाम, कोल्ड स्टोरोज व कोल्ड चेन आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. अभी तक चयनित 32 पैक्सों के लिए 71 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इस कोष से कृषि उद्यमियों सहित अन्य के लिए भी अधिकतम दो करोड़ तक ऋण देने का प्रावधान है जिन्हें प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान मिलेगा.

सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के अंतर्गत सहकारिता विभाग के लिए स्वीकृत 439.05 करोड़ की राशि से 2,927 पैक्सों को प्रति पैक्स 15 लाख रुपये (50 प्रतिशत ऋण व 50 प्रतिशत अनुदान) कृषि संयंत्र बैंक स्थापित करने के लिए दिया जाएगा ताकि किसानों को अत्याधुनिक कृषि संयंत्र सस्ते किराए पर उपलब्ध कराया जा सके.

इसके अलावा दुग्ध सहकारी समितियों की तर्ज पर सब्जी उत्पादकों की यूनियन बनाने के निर्णय के तहत पटना व तिरहुत में 120 प्राथमिक समितियां गठित की गयी है, जिसके जरिए राज्य के 10 जिलों के 120 प्रखंडों में अब तक 4.5 करोड़ का कारोबार किया गया है. इसमें प्रति महीने एक करोड़ की की दर से वृद्धि हो रही है. इस पहल से जहां सब्जी उत्पादक किसानों को अच्छी कीमत, वहीं उपभोक्ताओं को सस्ती व गुणवत्तायुक्त सब्जी मिल रही है.

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