‘यह पहल बंदियों के पुर्नवास में होगी सहायक’
इधर, पटना के बेऊर केंद्रीय कारा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि, यह पहल बंदियों के पुर्नवास में सहायक होगी. अपराध की पुनरावृत्ति को भी कम करेगी. कारा में पहले से बंद जो कैदी कंप्यूटर में दक्ष हैं, उनका उपयोग प्रशिक्षण देने में किया जाए. वही, इस मौके पर कारा महानिरीक्षक प्रणव कुमार ने कहा कि, विभाग के लिए बंदियों का कौशल विकास और प्रशिक्षण सर्वोच्च प्रथामिकता है. यह कार्यक्रम कैदियों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नाइलेट के माध्यम से दी जायेगी ट्रेनिंग
बता दें कि, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के माध्यम से कंप्यूटर कॉन्सेप्ट और डिजिटल लिट्रेसी का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराया जा रहा है. संस्थान के कार्यकारी निदेशक नितिन पुरी ने आश्वासन दिया कि, संस्थान बंदियों के कौशल उन्नयन में अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी. इस कार्यक्रम का लक्ष्य तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है.
2.25 करोड़ का किया गया निवेश
जानकारी के मुताबिक, इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार ने 2 करोड़ 25 लाख रुपये का निवेश किया है. इसके तहत राज्य की 41 काराओं में आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित किए जा रहे हैं. इन लैब के लिए 250 कंप्यूटर सिस्टम, 250 यूपीएस यूनिट और 250 कंप्यूटर टेबल स्थापित किए गए हैं.
बिहार के सभी जेलों में बंद कैदियों के लिए तैयारी
राज्य के सभी जेलों में बंद 1 हजार 100 कैदियों को आठ अलग-अलग व्यावसायिक विधाओं में प्रशिक्षित करने की योजना है. अगले चरण में बिहार कौशल विकास मिशन (बीएसडीएम) के सहयोग से सभी काराओं में स्थापित किया जाएगा. इसके लिए गृह विभाग और नाइलेट के बीच खासतौर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है.
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