बिहार में कोरोना का नया वैरिएंट BA12 मिलने से स्वास्थ विभाग हुआ सतर्क, जीनोम सिक्वेंसिंग में हुई पुष्टि

कोरोना (Coronavirus) की चौथी लहर की संभावना के बीच एक बार फिर नया वैरिएंट BA 12 मिलने से हड़कंप मच गया है. यह यह तीसरी लहर के BA.2 वैरिएंट से 10 गुना अधिक खतरनाक बताया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2022 1:12 PM

कोरोना (Coronavirus) की चौथी लहर की संभावना के बीच एक बार फिर नया वैरिएंट BA 12 मिलने से हड़कंप मच गया है. यह यह तीसरी लहर के BA.2 वैरिएंट से 10 गुना अधिक खतरनाक बताया जा रहा है.

BA12 सबसे पहले US में डिटेक्ट हुआ था

पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान IGIMS में जीनोम सिक्वेंसिंग में इस खतरनाक नए वैरिएंट BA 12 को डिटेक्ट किया गया है. अब इस नए वैरिएंट BA12 को लेकर स्टडी की जा रही है. साइंटिस्ट का कहना है कि BA12 सबसे पहले US में डिटेक्ट हुआ था. ऐसे में इस वैरिएंट ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है.

13 सैम्पल्स की रिपोर्ट आई

अस्पताल के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ नम्रता कुमारी की मानें तो दो महीने बाद एक बार फिर से जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो चुकी है, और कुल 13 सैम्पल्स की रिपोर्ट आई है, जिसमें 12 सैम्पल में BA 2 मिला है जबकि एक सैम्पल की रिपोर्ट में BA 12 की पुष्टि हुई है.

2 माह से जीनोम सिक्वेंसिंग बन्द

मालूम हो कि अस्पतालों में पिछले 2 माह से जीनोम सिक्वेंसिंग बन्द थी क्योंकि नए मामले नहीं मिल रहे थे. लेकिन, जैसे ही दिल्ली समेत 5 राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी उसके बाद बिहार में भी सैम्पल जांच में तेजी आ गई है और जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो गयी है.

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चौथी लहर को लेकर अलर्ट

बिहार में स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से चौथी लहर को लेकर अलर्ट पर है और सभी सार्वजनिक स्थलों पर बाहर से आनेवाले लोगों की जांच की जा रही है. पटना एयरपोर्ट पर भी 4 टीमें लगा दी गई हैं जबकि रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप पर भी कोरोना जांच शुरू हो चुकी है. अब तक बिहार में लगभग 25 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, हांलाकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब तक नए गाइडलाइन जारी नहीं किए गए हैं.

बढ़ी वैक्सिनेशन और टेस्टिंग की रफ्तार 

दूसरी तरफ बिहार में वैक्सिनेशन और टेस्टिंग को लेकर जिला प्रशासन भी सजग हो गए है और सभी जिलों में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आईजीआईएमस में दो दिनों से ओपीडी और इमरजेंसी में कोरोना की रिपोर्ट देखने के बाद ही इलाज किया जा रहा है.

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