केंद्र के साथ बैठक में बिहार ने बिजली के लिए वन नेशन, वन टैरिफ की मांग को दोहराया

बिहार सरकार ने एकबार फिर केंद्र के समक्ष बिजली के लिए वन नेशन वन टैरिफ की मांग की है. ऊर्जा मंत्रियों की वर्चुअल माध्यम बैठक में गुरुवार को यह मांग की गई.

By Prabhat Khabar | September 24, 2021 9:15 AM

बिहार सरकार की तरफ से केंद्र से बिजली के लिए वन नेशन वन टैरिफ की फिर से मांग की गयी है. इसके साथ ही अन्य राज्यों से बिहार की भौगोलिक संरचना अलग रहने के कारण लाइन लॉस की अलग सीमा तय करने आग्रह किया गया है. इन मुद्दों को ऊर्जा मंत्रियों की वर्चुअल माध्यम बैठक में गुरुवार को राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के समक्ष उठाया. इस बैठक का आयोजन देश में बिजली वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए किया गया था.

जल्द- से- जल्द प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्देश

ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में मुख्य रूप से 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, आधारभूत संरचनाओं को बेहतर बनाने और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बारे में चर्चा हुई. इस संबंध में राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों ने अपने-अपने सुझाव साझा किये. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को उपभोक्ताओं के यहां जल्द- से- जल्द प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कहा गया. साथ ही कृषि कार्यों में बिजली कनेक्शन के लिए अलग एग्रीकल्चर फीडर बनाने का भी निर्देश दिया गया.

रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम पर चर्चा

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम पर चर्चा की. राज्यों से इसका डीपीआर दिसंबर 2021 तक नोडल एजेंसी को सौंपने का निर्देश दिया. इसके तहत बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करीब तीन लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज लाया जायेगा.

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क्या कहते हैं मंत्री

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में केंद्र से स्मार्ट प्रीपेड मीटर और कृषि कनेक्शन के लिए अलग फीडर लगाने का सुझाव दिया गया. दोनों योजनाओं पर राज्य में पहले से ही काम हो रहा है. करीब दो लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं.

लाइन लॉस की अलग सीमा तय होनी चाहिए

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिजली टैरिफ को एक समान करने के लिए वन नेशन वन टैरिफ की मांग वे बहुत पहले से करते रहे हैं. वहीं, बिहार की भौगोलिक संरचना अलग होने की वजह से हर साल बाढ़ आती है. यहां गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की बड़ी संख्या है. ऐसे में राज्य के लिए लाइन लॉस की अलग सीमा तय होनी चाहिए. उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया कि तीन पूर्व फ्रेंचाइजी क्षेत्रों में देर से योजना शुरू हुई. कोविड से भी विलंब हुआ. इसलिए समय सीमा दिसंबर 2021 से बढ़ा कर मार्च 2022 की जाये.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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