बिहार कैबिनेट ने दी नयी स्टार्टअप नीति को मंजूरी, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हर महीने बैठेगी कमेटी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य में नयी बिहार स्टार्टअप नीति 2022 को मंजूरी दी है. इससे स्टार्ट अप को बढ़ावा देने, स्थानीय युवाओं द्वारा नये उद्यम शुरू करने और राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2022 7:33 PM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य में नयी बिहार स्टार्टअप नीति 2022 को मंजूरी दी है. इससे स्टार्ट अप को बढ़ावा देने, स्थानीय युवाओं द्वारा नये उद्यम शुरू करने और राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. बिहार स्टार्ट अप नीति 2017 की अवधि पूरी होने के बाद यह नयी नीति अगले पांच वर्षों के लिए लागू की गयी है. सरकार ने पुरानी नीति के कई प्रावधानों में बदलाव किया गया है, जिससे कम समय में स्टार्ट अप की स्वीकृति मिल सके.

आवेदनों की स्वीकृति के लिए बनेगी नयी कमेटी

स्टार्ट अप के आवेदनों की स्वीकृति के लिए अब नयी कमेटी गठित होगी. यह कमेटी हर माह बैठक कर आवेदनों का निबटारा करेगी. पूर्व में इस कमेटी में गैर सरकारी सदस्यों की संख्या अधिक थी और वे दूसरे राज्यों के होते थे. इसके कारण कमेटी की बैठक समय पर नहीं हो पाती थी. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बैठक के बाद बताया कि बिहार स्टार्ट अप नीति में चार कंपोनेंट रखे गये हैं. इसके लिए बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट स्थापित होगा. साथ ही स्टार्टअप नीति की मॉनीटरिंग और इंप्लीमेंटेशन कमेटी गठित होगी.

स्क्रिनिंग के लिए उद्योग विभाग करेगा काम

स्टार्ट अप के लिए आने वाले आवेदनों की स्क्रिनिंग के लिए उद्योग विभाग के निदेशक काम करेंगे जबकि अंतिम रूप से चयन वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी. इसके अलावा स्टार्ट अप सपोर्ट यूनिट के द्वारा संस्थागत ढांचा स्थापित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट के अध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे और स्टार्ट अप नीति की मॉनिटरिंग व इंप्लीमेंटेशन समिति के अध्यक्ष उद्योग विभाग के प्रधान सचिव होंगे. नीति का कार्यान्वयन विभाग के द्वारा निर्धारित निदेशालय के माध्यम से किया जायेगा. स्टार्ट अप संबंधी सभी कार्रवाई स्टार्ट अप सपोर्ट यूनिट द्वारा की जायेगी.

सीड फंडिंग तथा मैचिंग ग्रांट उपलब्ध करायेगी सरकार

उन्होंने बताया कि नयी नीति में स्टार्ट अप को सीड फंडिंग तथा मैचिंग ग्रांट उपलब्ध कराया जायेगा. युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता विकास केंद्रों और उद्यमिता सुविधा केंद्रों को विकसित किया जायेगा. विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षा के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जायेगा. विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए सिंगल विंडों उपलब्ध कराया जायेगा और ऐसी गतिविधियां की जायेंगी जो स्टार्ट अप के इको सिस्टम को मजबूत बनायेगी.

ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगा आवेदन

उन्होंने बताया कि स्टार्ट अप नीति में थर्ड पार्टी के माध्यम से रेटिंग सिस्टम को डिजाइन करने, अनुमोदित रेटिंग सिस्टम के अनुसार पोर्टल को अनुमोदन करने, स्टार्ट अप के प्रमाणीकरण की अनुशंसा करने और स्टार्ट अप को प्राप्त रेटिंग के आधार पर सीड फंडिंग करने या मैचिंग ग्रांट की अनुशंसा का प्रावधान होगा. स्टार्ट अप के लिए आवेदन की प्रक्रिया तथा प्रमाणीकरण पूर्णतया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जायेगी.

होगी इनक्युबेशन सेंटर की स्थापना

उन्होंने बताया कि स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए इनक्युबेशन सेंटर की स्थापना की जायेगी साथ ही राज्य सरकार, भारत सरकार और मल्टी डाटा एजेंसी से ऑनलाइन पोर्टल के जरिये अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. स्टार्ट अप नीति में एससी, एसटी, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए अतिरिक्त अनुदान, छूट व सब्सिडी का प्रावधान भी रखा गया है.

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