फरक्का बराज समस्या और महानंदा सिंचाई योजना पर बनी सहमति

विधानसभा में जल संसाधन मंत्र संजय कुमार झा ने कहा है कि फरक्का बराज में गाद की समस्या और महानंदा सिंचाई योजना को लेकर पश्चिम बंगाल के साथ सहमति बन गयी है.

By Pritish Sahay | March 5, 2020 6:23 AM

पटना : विधानसभा में जल संसाधन मंत्र संजय कुमार झा ने कहा है कि फरक्का बराज में गाद की समस्या और महानंदा सिंचाई योजना को लेकर पश्चिम बंगाल के साथ सहमति बन गयी है. भुवनेश्वर में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा में तेजी से बढ़ रही गाद की समस्या को दूर करने के लिए बराज की रेट्रो-फिटिंग और डिजाइन में परिवर्तन करने की बात कही थी. इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सहमति भी दी है.

इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ जल्द ही एक कमेटी बनेगी. यह कमेटी इस मुद्दे का समाधान निकालेगी. विधानसभा में जल संसाधन विभाग के 2020-21 के चार हजार 53 करोड़ का बजट बुधवार को विपक्ष के वॉक ऑउट के बीच पारित हो गया. मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ 1978 में हुए समझौता के बाद भी आज तक महानंदा सिंचाई योजना शुरू नहीं हो पायी है. अब इस पर दोबारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है .

इससे किशनगंज और आसपास के बड़े इलाके की सिंचाई हो सकेगी. इसके अलावा झारखंड के साथ तिलैया-ढाढर योजना का समाधान निकालने पर खासतौर से योजना तैयार की जा रही है. मंत्री ने कहा कि नदी जोड़ योजना के तहत कोसी-मेची लिंक योजना पर चार हजार 900 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे राष्ट्रीय योजना घोषित करने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय से राज्य सरकार अनुरोध करेगी.

वर्तमान में कोसी : गाद सफाई का प्रस्ताव नहीं : संजय झा

पटना. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार के समक्ष वर्तमान में कोसी नदी की गाद सफाई का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है. कोसी नदी अपने प्रवाह के साथ प्राकृतिक रूप से अत्यधिक गाद को बहा ले जाती है. यह औसतन प्रति वर्ष लगभग 950 लाख घन मीटर है. कोसी बराज से कुरसेला तक नदी गाद सफाई तकनीकी और आर्थिक रूप से संभव नहीं है.

बुधवार को जदयू के रत्नेश सदा के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने सदन को बताया कि प्रति वर्ष कोसी बराज के 52 किमी अप स्ट्रीम व 125 किमी डाउन स्ट्रीम में सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है. सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर विश्व बैंक की मदद से बड़े स्तर पर रीवर ट्रेनिंग कार्य कराया जाता है. कोसी उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा पर आवश्यकता अनुसार कोसी बराज के अप स्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में चैनल के कार्य कराकर नदी के बहाव के केंद्रीकृत रखा गया है.

Next Article

Exit mobile version