बिहार को बनाया जायेगा चाइल्ड लेबर फ्री जोन

पटना : बालश्रम उन्मूलन की सबसे बड़ी चुनौती पहचान की है. आजादी के 70 सालों बाद भी बालश्रम के सही-सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में यदि हम बालश्रम उन्मूलन की बात करें, तो सरकारी और गैरसरकारी दोनों स्तरों पर काम किये जा रहे हैं. यह काम किस दिशा में किया जाये, इस पर दिशा-निर्देश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 27, 2017 6:12 AM
पटना : बालश्रम उन्मूलन की सबसे बड़ी चुनौती पहचान की है. आजादी के 70 सालों बाद भी बालश्रम के सही-सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में यदि हम बालश्रम उन्मूलन की बात करें, तो सरकारी और गैरसरकारी दोनों स्तरों पर काम किये जा रहे हैं. यह काम किस दिशा में किया जाये, इस पर दिशा-निर्देश की कमी है. कुछ इसी तरह की बातें बुधवार को होटल चाणक्या में वक्ताओं ने कहीं. कैंपेन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर की ओर से बालश्रम उन्मूलन विषय पर राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि बाल श्रम की दिशा में कार्य किया जा रहा है. पर यह सही है कि इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.
पंचायत स्तर पर किया जायेगा काम : कैंपेन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के रवि कुमार अग्रवाल ने कहा कि एमवी फाउंडेशन के साथ मिल कर बिहार को चाइल्ड लेबर फ्री जोन बनाया जायेगा. इसकी शुरुआत गया जिले से की जायेगी. इसके लिए अब जिलों के एक-एक ग्राम पंचायतों में काम किये जायेंगे. इसके लिए रणनीति तैयार की गयी है. सरकार के सहयोग से इस दिशा में काम किया जाना है.
एमवी फाउंडेशन के ट्रेनिंग कोर्डिनेटर धनंजय ने बताया कि फाउंडेशन की ओर से बिहार के वैशाली जिले के लालगंज ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायताें में काम किये जा रहे हैं. इसके अच्छे रिस्पांस मिले हैं. अब तक जिले में 25 हजार बच्चे रेस्कयू भी कराये गये हैं. सरपंच भी इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं. इसके अलावे पश्चिम चंपारण, रोहतास, जमुई, शिवहर जैसे जिलों के एक-एक ब्लॉक में काम हो रहे हैं.
स्कूलों में तैयार कर रहे पैसा कमाने की मशीन : एएन सिन्हा इंस्टटीयूट के पूर्व निदेशक डॉ डीएम दिवाकर ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से बदल चुकी है. हम स्कूलों में शिक्षा देेकर समाज के लिए मानव नहीं, बल्कि पैसा कमाने की मशीन तैयार कर रहे हैं. आज शिक्षा का अधिकार है, पर शिक्षा नहीं है.

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