सीएम नीतीश कुमार के भोज में भाजपा विधायक भी होंगे शामिल, मगर यह भी कहा- 2009 के ”जख्म” को हम नहीं भूले
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भोज में सूबे का सियासी रुख थोड़ा बदला-बदला दिखेगा. भोज के मुद्दे पर पिछले सात-आठ सालों से भाजपा और नीतीश कुमार के रिश्तों की कड़वाहट इसमें घुलती नजर आयेगी. इस भाेज में भाजपा के विधायक भी शामिल होंगे. हालांकि इस भोज में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भोज में सूबे का सियासी रुख थोड़ा बदला-बदला दिखेगा. भोज के मुद्दे पर पिछले सात-आठ सालों से भाजपा और नीतीश कुमार के रिश्तों की कड़वाहट इसमें घुलती नजर आयेगी. इस भाेज में भाजपा के विधायक भी शामिल होंगे. हालांकि इस भोज में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी शामिल नहीं हो सकेंगे. वह आज ही दिल्ली रवाना हो गये हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों को आज सोमवार को भोज पर आमंत्रित किया गया है. बजट सत्र समाप्ति को है. सत्र के आखिरी में भोज की परंपरा रही है.
भाजपा इस भोज में शामिल होगी या नहीं, इस पर कल तक संशय था. कल रविवार को बिजली के मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की हुई बैठक में यह मामला उठा था. बैठक में भाजपा के कुछ नेता इस भोज में शामिल होने के पक्ष में नहीं थे. बीजेपी के हार्डकोर नेता, जो 2009 में राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य थे, उनका साफ कहना था कि उस समय नीतीश कुमार की तरफ से नरेंद्र माेदी को दिया गया भोज रद्द किया गया था. इसे हम भूल नहीं पा रहे हैं. बीजेपी नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने यह राय दी थी कि सार्वजनिक तौर पर सीएम माफी मांगते हैं, तभी भोज में जाना चाहिए. वहीं कुछ का कहना था कि कि यह शिष्टाचार भोज है. इसलिए इसका कोई राजनैतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. मुख्यमंत्री इस तरह का भोज पहली बार दे रहे हैं.