जीएसटी में मिली छूट से बिहार के 90 हजार व्यापारियों को फायदा

इस कोरोना काल में व्यापारियों को राहत देने के लिए केंद्रीय जीएसटी काउंसिल ने हाल में कुछ अहम घोषणाएं की हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ऑनलाइन हुई काउंसिल की 43वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये.

By Prabhat Khabar | June 3, 2021 12:07 PM

कौशिक रंजन, पटना. इस कोरोना काल में व्यापारियों को राहत देने के लिए केंद्रीय जीएसटी काउंसिल ने हाल में कुछ अहम घोषणाएं की हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ऑनलाइन हुई काउंसिल की 43वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये.

इस घोषणा से सूबे के 90 हजार से ज्यादा व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा. हालांकि, राज्य के वाणिज्य कर विभाग के पास इससे संबंधित कोई विशिष्ट डाटा नहीं है, लेकिन शुरुआती आकलन के आधार पर 90 हजार के आसपास व्यापारियों को लाभ मिलेगा. ऐसे सभी व्यापारियों को इस वर्ष अगस्त तक रिटर्न दायर कर यह छूट प्राप्त करने की समय-सीमा प्रदान की गयी है.

कोरोना काल में व्यापारियों के हित में उठाया गया कदम

राज्य में केंद्रीय और राज्य जीएसटी के तहत निबंधित व्यापारियों की संख्या चार लाख 20 हजार के आसपास है. इनमें 35 हजार से ज्यादा ऐसे व्यापारी हैं, जिन्होंने तीन साल से रिटर्न दायर ही नहीं किया है. ऐसे व्यापारियों को इस बार बड़ी राहत मिलेगी. इसके तहत सालाना शून्य टैक्स देने वाले व्यापारी सिर्फ 500 रुपये देकर अपने बकाया का हिसाब चुकता कर सकते हैं.

इसी तरह डेढ़ करोड़ तक सालाना टर्न ओवर वाले व्यापारी दो हजार रुपये, डेढ़ करोड़ से अधिक और पांच करोड़ से कम टर्न ओवर वाले व्यापारी पांच हजार रुपये देकर अपने लंबित रिटर्न को क्लियर कर सकते हैं. इसी तरह कंपाउंडिंग योजना वाले व्यवसायियों के मामले में इसी तरह की राहत दी गयी है. कोरोना काल में पुराने लंबित मामलों या रिटर्न दायर करने वाले व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है.

इस बार सालाना रिटर्न दायर करने में भी छूट

व्यापारियों को एक बड़ी राहत यह भी मिली है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में दो करोड़ रुपये तक के सालाना बिक्री या कंपाउंडिंग स्कीम वाले व्यापारियों के लिए वार्षिक विवरणी (रिटर्न) दाखिल करने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है. ऐसे व्यापारी अगर चाहें, तो वह वार्षिक रिटर्न जमा कर सकते हैं, लेकिन इसे जमा नहीं करने से उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी.

अब व्यापारियों को किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट के स्तर से सत्यापित करके स्टेटमेंट दाखिल कराने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. इससे व्यापारी अपने स्तर पर भी स्टेटमेंट तैयार करके दाखिल कर सकते हैं. विभाग इसमें आवश्यक सुधार स्वयं कर लेगा.

Posted by Ashish Jha

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