कम स्पिरिट की दवा को भी शराब बता रहे इंस्पेक्टर

पटना : औषधि विभाग बिना एक्सपर्ट के ही दवा दुकानों पर छापेमारी करा रही है. असली दवा को नकली और कम स्पिरिट में बनी दवाओं को भी शराब का नाम दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर खुद से ही अपना बयान मीडिया को दे रहे हैं, जबकि इसके लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 14, 2016 5:56 AM
पटना : औषधि विभाग बिना एक्सपर्ट के ही दवा दुकानों पर छापेमारी करा रही है. असली दवा को नकली और कम स्पिरिट में बनी दवाओं को भी शराब का नाम दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर खुद से ही अपना बयान मीडिया को दे रहे हैं, जबकि इसके लिए विभाग में प्रवक्ता या फिर ड्रग कंट्रोलर बनाया गया है. यह कहना है बिहार राज्य होमियोपैथी एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष डॉ दाऊद अली का. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन को पत्र लिख कर कई तरह की मांगें की हैं.
एसोसिएशन के अध्यक्ष दाऊद ने 12 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिख कहा है कि औषधि विभाग लगातार छापेमारी कर रहा है. इसमें कई ऐसी दुकानें और उसके संचालक को बिना गड़बड़ी के ही दोषी करार दे दिया गया है. साथ ही उनको जेल या फिर दुकानें बंद कर दी जाती है. सही दवाओं को भी गलत बना कर दुकान सील किया जा रहा है. ऐसे में कारोबारियों को काफी परेशानी होरही है.

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