ऑनलाइन जमा होगी स्टांप फीस, सरकार के खाते में सीधे जायेगी राशि

रजिस्ट्री, कोर्ट फीस व अन्य कई चीजें पहले ही हो चुकी हैं आॅनलाइन पटना : जमीन और मकान की खरीदारी हो या कोर्ट शुल्क, अब स्टांप वेंडर और फ्रैंकिंग मशीन पर लोगों को निर्भर नहीं रहना होगा. सरकार जल्द ही स्टांप फीस जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने जा रही है. इसके तहत स्टांप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 27, 2016 4:00 AM
रजिस्ट्री, कोर्ट फीस व अन्य कई चीजें पहले ही हो चुकी हैं आॅनलाइन
पटना : जमीन और मकान की खरीदारी हो या कोर्ट शुल्क, अब स्टांप वेंडर और फ्रैंकिंग मशीन पर लोगों को निर्भर नहीं रहना होगा. सरकार जल्द ही स्टांप फीस जमा करने की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने जा रही है. इसके तहत स्टांप खरीदने की जगह इ-स्टांप सिस्टम लागू होगा.
इसमें किसी भी खरीदारी के एवज में निर्धारित स्टांप शुल्क के बराबर राशि खरीदार के बैंक खाते से सरकार के खाते में जमा हो जायेगी. सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार की एजेंसी स्टाॅक होल्डिंग काॅरपोरेशन आॅफ इंडिया से करार करने जा रही है.
इ-स्टांपिंग प्रोजेक्ट के तहत इस कंपनी को सरकार टेंडर आवंटित करेगी. इससे कातिब और स्टांप वेंडर का पुराना तरीका पूर्णत: समाप्त हो जायेगा. इस नयी व्यवस्था के लागू होने से रेवेन्यू स्टांप और फ्रैंकिंग या वेंडिंग मशीन से मिलनेवाले स्टांप की सुविधा की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जायेगी. निबंधन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है. कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसे शुरू कर दिया जायेगा. वर्तमान में जमीन रजिस्ट्री कराने में लगनेवाली निबंधन फीस, कोर्ट फीस, स्टांप ड्यूटी समेत ऐसे अन्य शुल्क को ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है.
अब इस बार रेवेन्यू स्टांप के जरिये लगनेवाली फीस को भी ऑनलाइन जमा करने की सुविधा शुरू होने जा रही है. इस नयी व्यवस्था से फर्जी रेवेन्यू स्टांप या इसमें मौजूद व्यापक धांधली या कालाबाजारी का कारोबार खत्म हो सकेगा. कोर्ट में रेवेन्यू स्टांप की जरूरत और इसकी मांग के कारण यह हमेशा ऑउट ऑफ स्टॉक ही रहता है. इसी वजह से इसकी कालाबाजारी भी काफी बड़े पैमाने पर होती है. आम लोगों को स्टांप खरीदने के लिए अवैध रूप से ज्यादा रुपये देने पड़ते हैं. इस तरह की तमाम समस्याओं को देखते हुए निबंधन विभाग ने स्टांप टिकट में लगनेवाले रुपये को ऑनलाइन पेमेंट करने की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है.
ऐसे करेगा काम : आॅनलाइन रजिस्ट्री के समय बेवसाइट पर क्लिक करने और खरीदी गयी संपत्ति की कुल कीमत डालने पर यह पता चल जायेगा कि कितनी रकम का स्टांप जमा करना होगा. फिर राशि को खरीदार के बैंक खाते से लिंक कर दिया जायेगा और राशि सीधे सरकार के खाते में जमा हो जायेगी.
इ-स्टांप के ये होंगे लाभ
असली स्टांप के लिए भाग-दौड़ खत्म होगी
सरकार के खाते में सीधे राजस्व का पैसा जमा हो सकेगा
संपत्ति की खरीदारी में काले धन के उपयोग पर भी लगाम लगेगी
फर्जी रेवेन्यू स्टांप या धांधली पर रोक लगेगी

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